Haryana: हरियाणा के गांव की सरपंच बनीं राजस्थान में अधिकारी, नेम प्लेट से मिली प्रेरणा

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Haryana: हरियाणा के नूंह जिले के तावडू खंड के गांव कोटा खंडेवला की रहने वाली रवीना राठी ने RAS परीक्षा पास कर इतिहास रच दिया है। जानकारी के मुताबिक, नूंह में किसी लड़की के लिए RAS में यह पहली उपलब्धि है। परिवार में खुशी का माहौल है और मेवात के लोग भी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से बधाई दे रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, रवीना का यहां तक पहुंचने का सफर बहुत पीड़ा भरा रहा है। साल 2013 में उनकी उम्र 20 साल थी, जब उनकी शादी हुई। मिली जानकारी के अनुसार, 8 महीने बाद ही सड़क हादसे में उनके पति की मौत हो गई। उस दिन वह अपने पति के साथ नर्स की नौकरी जॉइन करने जा रही थीं। हादसे में उनकी आंखों के सामने ही पति की मौत हो गई। Success Story

मिली जानकारी के अनुसार, इस दुख के बावजूद रवीना राठी के हौसले कम नहीं हुए। उन्होंने आगे पढ़ाई करने का निर्णय लिया और ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद गांव के लोगों ने साल 2016 में उन्हें सरपंच चुना। उन्होंने तब भी पढ़ाई जारी रखी। Success Story

जानकारी के मुताबिक, साल 2023 में उन्होंने RAS परीक्षा के सभी चरण पूरे किए, जिनका रिजल्ट अब आया है। इस बीच उन्होंने साल 2024 की RAS परीक्षा भी क्वालिफाई कर ली है, जिसका फाइनल रिजल्ट अभी आना बाकी है। Success Story

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मिली जानकारी के अनुसार, रवीना ने बताया कि जब उन्हें सरपंच चुना गया, तब उनका अफसरों के साथ संपर्क हुआ। DC की नेम प्लेट देखकर उन्होंने ठाना कि एक दिन उनका नाम भी दफ्तर के बाहर लिखा जाएगा। Success Story

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घर की जिम्मेदारियां

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जानकारी के मुताबिक, रवीना ने बताया कि उनके पिता अभय सिंह पहले ट्रक चालक थे, लेकिन अब बुजुर्ग हो गए हैं तो खेती-बाड़ी काम देखते हैं। घर में सभी भाई बहनों की शादी हो चुकी है। घर की जिम्मेदारियां भी मेरे ऊपर थीं। Success Story

मिली जानकारी के अनुसार, पशुओं से लेकर खेती बाड़ी का काम मुझे देखना पड़ता था। पहले घर का काम करना और बाद में पढ़ाई पूरी करनी होती थी। Success Story

मेरा सपना IAS

जानकारी के मुताबिक, बल्कि और ज्यादा कोशिश करूंगी। मेरा सपना IAS अधिकारी बनने का है। अंत तक सपने का पीछा करूंगी। फिलहाल तो राजस्थान में पोस्टिंग मिलेगी। कोशिश यही रहेगी कि ड्यूटी के साथ पढ़ाई जारी रखूं। मिली जानकारी के अनुसार, पिछड़ा वर्ग (OBC) के अभ्यर्थी 35 की उम्र तक कुल 9 बार एग्जाम अटेंप्ट कर सकते हैं।

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