महाकुंभ में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का विशेष महत्व..।.सुमित कृष्ण  महाराज

महाकुंभ में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का विशेष महत्व..।.सुमित कृष्ण  महाराज

कोरांव प्रयागराज। वर्तमान समय में प्रयागराज में चल रहे विश्व के सबसे बड़े पर्व महाकुंभ में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का मानव जीवन में विशेष महत्व है। उक्त बातें प्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता श्रद्धेय सुमित कृष्ण जी  द्वारा परीक्षित स्वरूप अजय कुमार पांडे एवम् हृदय शंकर पांडे के यहां चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन उपस्थित भक्त जनों को कथा का रसपान कराते हुए कही। आगे की कथा में महाराज श्री द्वारा सती प्रसंग, ध्रुव चरित्र, राजा परीक्षित का प्रसंग, श्री सुखदेव जी महाराज की कथा, कपिल भगवान ने माता देवहूति से कहा कि आसक्ति ही सुख और दुख का कारण है, ऋषभदेव के चरित्र वर्णन पर प्रकाश डाला। 
 
और मनुष्य को सतमार्ग पर चलने की बात कहीं। आगे बतलाया कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मानव को पापों से मुक्ति मिलती है और साथ ही साथ मानव के अंदर ज्ञान और वैराग्य की जागृति होती है। भागवत कथा के दौरान सुप्रसिद्ध संगीतकार रिझारिया जी द्वारा सु मधुर स्वर में आरती और मंगल गीत गाए गए जिसे श्रवण कर उपस्थित श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। कथा पंडाल में मुख्य रूप से विशंभरनाथ,द्वारिका प्रसाद,संतोष केसरी,हीरा केसरी,श्री भगवान,दुर्गा प्रसाद,गुलाबचंद,अजय कुमार,रजत केसरी,संतलाल,विनोद केसरी,अभिनव केसरी,लक्छमण  दास,अमित कृष्ण जी सहित सैकड़ो की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष उपस्थित रहे।

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