दुबौलिया पुलिस के सामने ही दबंगों ने फाड़ा सरकारी कागजात , सरकारी कागजात फाड़ते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
- उचित दर विक्रेता की दुकान (कोटेदार ) के चयन में दबंगों ने दुबौलिया पुलिस के सामने ही दिखाई गुंडई
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- दुबौलिया पुलिस दबंगों के आगे बनी मूक दर्शक, बवाल के बाद एक व्यक्ति को पुलिस ने पकड़कर थाने पहुंचाया
बस्ती। बस्ती जिले मे विकास खंड दुबौलिया के अन्तर्गत ग्राम पंचायत शुकुलपुरा में उचित दर विक्रेता की दुकान (कोटेदार ) के चयन के दौरान दो पक्षों में विवाद उत्पन्न हो गया जिसका मुख्य कारण था कि दबंगों के मनचाहा उचित दर विक्रेता की दुकान की चयन था । जब चुनावी परिणामों के बाद हारने वाले प्रत्याशी के समर्थकों ने बेतहाशा गुंडागर्दी की। चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद हारे हुए प्रत्याशी गंगा प्रसाद और उनके समर्थकों ने खुलेआम पुलिस के सामने अधिकारियों के सरकारी कागजात /रजिस्टर को छीनकर फाड़ दिया।
इस घटना ने उचित दर विक्रेता की दुकान के चयन के माहौल को गर्म कर दिया जिससे दुबौलिया पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।सूत्रों की प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत शुकुलपुरा में कोटेदार के चयन को लेकर चुनाव प्रक्रिया चल रही थी । जिसमें जीतेंद्र कुमार को विजेता घोषित किया गया । सहायक विकास अधिकारी दुबौलिया संजय श्रीवास्तव ने चुनाव परिणामों की घोषणा की । जिसके बाद जीतेंद्र कुमार के समर्थकों में खुशी का माहौल बन गया लेकिन गंगा प्रसाद और उनके समर्थक चुनाव परिणाम से नाराज हो गए ।
उन्होंने अपनी नाखुशी व्यक्त करने के लिए पुलिस और अधिकारियों के सामने ही दबंगों ने गुंडई करने लगे । घटना के दौरान गंगा प्रसाद के समर्थकों ने पंचायत कार्यालय में घुसकर रजिस्टर छीन लिया और उसे फाड़ दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन की पूरी टीम मौके पर मौजूद थी लेकिन पुलिस ने घटना पर कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की। यह देख हर कोई हैरान रह गया और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे। समर्थक खुलेआम हिंसा करने के बाद भी पुलिस के द्वारा कोई कड़ी प्रतिक्रिया नहीं मिलने से लोग आश्चर्यचकित हैं। घटना के बाद ग्राम पंचायत शुकुलपुरा में माहौल तनावपूर्ण हो गया है।
पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी तो फिर उन्होंने ऐसे खुलेआम हो रहे उत्पात को काबू क्यों नहीं किया। यह घटना पंचायत चुनावों के दौरान एक गहरी चिंता का विषय बन चुकी है, क्योंकि इससे पंचायत चुनावों के निष्पक्ष और सुरक्षित संचालन पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण गांव में असमंजस का माहौल बन गया है और ग्राम पंचायत के चुनाव की निष्पक्षता पर भी असर पड़ सकता है।
अब यह देखना बाकी है कि पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या एक्शन लेता है और दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाता है। इस बीच चुनाव परिणाम के बाद शुकुलपुरा में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने गांव में अतिरिक्त बल तैनात किया है। हालांकि, यह सवाल अब भी बना हुआ है कि अगर पुलिस पहले ही कड़ी कार्रवाई करती तो क्या इस तरह की घटना रोकी जा सकती थी समाज में ऐसी घटनाओं को लेकर गहरा आक्रोश फैल चुका है अब यह देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस के द्वारा इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है ।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ तौर पर स्पष्ट दिख रहा है कि दुबौलिया पुलिस ने लापरवाही कर रही है । जिसका आमजन ने कभी अन्दाजा नही लगाया था । दोनों पक्षों के विवाद को बढ़ते देख अन्त में दुबौलिया पुलिस ने सरकारी कागजात / रजिस्ट्रर फाड़ने वाले दबंग को गाड़ी पर बैठाकर दुबौलिया थाने पर ले गई और ग्राम पंचायत शुक्लपुरा में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है । मौके पर शान्ति व्यवस्था कायम है ।
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