पुलिस की गोली से तेज यातायात पुलिस की चल रही मोबाइल
तामीर हसन शीबू
जौनपुर। यातायात पुलिस इन दिनो सुर्खियों में आ गई है चालान के नाम पर लंबी रकम बताकर कम में सौदा करने में माहिर हो गई है। जैसा कि देखा जा रहा है कि नगर के विभिन्न चौराहों पर खड़े यातायात के सिपाही व हाल ही में प्रमोशन पाए कुछ उप निरीक्षक अपने साथ कुछ सिपाही व होमगार्ड को लेकर शहर के चौराहे पर खड़े रहते हैं और गांव शहर शहरी इलाके में आने वाले किसान व अन्य ग्रामीणों को रोककर कभी हेलमेट न लगाने के नाम पर तो कभी किसी न किसी तरह गैरकानूनी बताकर मोटी रकम की चालान करने की धमकी देकर कम पैसे में सलटा देने की बात पर वसूली कर रहे हैं।
इतना ही नहीं इनका एक और कारनामा भी आजकल काफी मशहूर हो चुका है। जाती हुई मोटरसाइकिलों का मोबाइल फोन से फोटो खींचकर ऑनलाइन चालान कर देने के मामले में कहा जाता है कि पुलिस की गोली से तेज यातायात पुलिस की मोबाइल चल रही है। सुविधा शुल्क न मिलने पर हर स्तर पर उतर जाने वाली यह यातायात पुलिस अधिकांश ई रिक्शा चालकों को अपना शिकार भी बना रहे है।
ई रिक्शा को पकड़ कर पुलिस लाइन ले जाना और फिर घंटो खड़ा करने के बाद सुविधा शुल्क लेकर छोड़ देना उनकी प्रतिदिन की आदत बन चुकी है। वही नगर की कई ऐसी सड़के हैं जिनमें दोनों तरफ मनमानी ढंग से कार खड़ी रहती है उसकी चालान करने में उनके हाथ पैर ढीले पड़ जाते हैं। लगभग दो साल से अधिक के समय में एक ही स्थान पर रहने वाले यातायात निरीक्षक जीडी शुक्ला की देखरेख में यातायात पुलिस का यह खेल खुलेआम चल रहा है। इससे यह माना जाता है कि यह पुलिस सिर्फ वसूली में ही लिप्त हो गई है। काफी दिनों से एक ही स्थान पर नियुक्त रहने के कारण इनकी वसूली सरकार की छवि धूमिल कर रही है,
जबकि मछलीशहर पड़ाव, सिपाह पड़ाव समेत नगर के कई पड़ाव से डग्गा मार वाहन धड़ल्ले से चल रहें हैं। इसकी जिम्मेदार यातायात पुलिस है या एआरटीओ विभाग है। फिल्हाल इन डग्गा मार वाहनों देखकर भी दोनों विभाग अपनी आंखों को बंद किए रहता है। इस मामले में इनकी आंखें बंद होने का कारण जनता असानी से अंदाजा लगा सकती है।
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