निजी अस्पतालों की लापरवाही से नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, फिर लापरवाही से गई जान
निजी अस्पतालों की करतूतों पर स्वास्थ्य विभाग का पर्दा, कार्यवाही सिफर
On
भ्रष्टाचार की दलदल से कब उबरेगा स्वास्थ्य विभाग
अम्बेडकरनगर। स्वास्थ्य विभाग के तमाम दावों के बावजूद निजी अस्पतालों की मनमानी थम नहीं रही है. जरूरी सुविधाएं न होने के बावजूद अस्पताल संचालक मनमानी तरीके से मरीजों को भर्ती करके इलाज कर रहे हैं. इससे अक्सर मरीजों की जान जोखिम में पड़ जाती है. कुछ ऐसा है मामला जनपद अंबेडकर नगर के राजेसुल्तानपुर क्षेत्र के मदैनिया निजी अस्पताल में हुआ जिसमें महिला को इंजेक्शन लगाने के पश्चात उसकी स्थिति और बिगड़ गई और अंततः उसकी मृत्यु हो गई।निजी अस्पतालों की लापरवाही से मरीजों की मौत के मामले अकसर सामने आते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों को लेकर सख्त नहीं है।
इस घटना ने एक बार फिर से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा को उजागर किया है। लोगों का आरोप है कि नगर में दर्जनों फर्जी अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। लगातार हो रही मौतों के बावजूद विभाग की चुप्पी पर लोग सवाल उठा रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते विभाग ने इन फर्जी अस्पतालों पर कार्रवाई की होती, तो शायद कई जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।फिलहाल पुलिस द्वारा इस मामले में कार्रवाई जारी है, लेकिन यह घटना निजी अस्पतालों में हो रही लापरवाही और स्वास्थ्य सेवाओं की कमजोरी की ओर इशारा करती है।
अब देखना यह होगा कि जांच में क्या खुलासा होता है और दोषियों को कब तक सजा मिल पाती है।बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे अस्पतालों से स्वास्थ्य महकमे और जिला प्रशासन ने आंख मूंद ली है. निजी अस्पतालों में मरीजों के साथ अनहोनी की घटना सामने आने पर भी कार्रवाई नहीं होती. इसलिए अस्पताल संचालकों का मन बढ़ा रहता है.हैरानी की बात यह है कि जनपद मुख्यालय पर बिना रजिस्ट्रेशन के कई दर्जन निजी अस्पताल चलाया जा रहा है। जबकि जनपद मुख्यालय पर जिले के उच्च अधिकारी अधिकारियों की नजर उन पर पड़ती है परंतु इन निजी अस्पतालों पर जिनका ना तो रजिस्ट्रेशन है ना ही किसी मानक को वह पूरा करते हैं फिर भी उन पर स्वास्थ्य विभाग तथा जिला प्रशासन की कृपा बरस रही है।
सीएमओ राजकुमार से वार्ता करने के पश्चात मीडिया कर्मियों से महज यह कहकर बात टाल दिया जाता है की रजिस्टर्ड अस्पतालों और पैथोलॉजी डायग्नोस्टिक सेंटर की सूची हम सार्वजनिक नहीं कर सकते यह गोपनीय रखा जाता है। जिम्मेदार अधिकारी द्वारा महज नोटिस काटकर इती श्री ले लिया जाता है कहने के लिए कुछ पर कार्यवाही कर दी जाती है कुछ लोगों द्वारा यह भी कहा जाता है की जिनसे इनका निजी स्वार्थ नहीं सिद्ध होता उसे निजी अस्पताल पर कार्यवाही की जाती है।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर
उद्योग के क्षेत्र में,, इफ़को की उपस्थित ने किसानो की आशातीत मदद की। जीएसटी आयुक्त विजय कुमार।
03 Dec 2024 22:09:29
स्वतंत्र प्रभात। ब्यूरो प्रयागराज।दया शंकर त्रिपाठी आयुक्त (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर), प्रयागराज कमिश्नरेट, विजय कुमार सिंह,ने किसानो के प्रति...
अंतर्राष्ट्रीय
मैक्रों ने फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा होने तक पद पर बने रहने का संकल्प जताया
06 Dec 2024 17:42:33
International Desk फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 2027 में अपने कार्यकाल के अंत तक पद पर बने रहने का...
Comment List