ईडी ने निवेश धोखाधड़ी मामले में आईएफएस अधिकारी और उनके पति के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।

ईडी ने निवेश धोखाधड़ी मामले में आईएफएस अधिकारी और उनके पति के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।

लखनऊ। लखनऊ की एक विशेष अदालत ने 25 नवंबर को अभियोजन पक्ष की शिकायत (आरोपपत्र) पर संज्ञान लिया है। एजेंसी ने एक बयान में कहा कि यह 2 सितंबर को दायर किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने बुधवार (27 नवंबर, 2024) को कहा कि उसने कथित निवेश धोखाधड़ी से जुड़े धन शोधन मामले में भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी नीहारिका सिंह, उनके पति और उनकी कंपनियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।
 
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि लखनऊ की एक विशेष अदालत ने अभियोजन पक्ष की शिकायत (आरोपपत्र) पर 25 नवंबर को संज्ञान लिया है। यह 2 सितंबर को दायर किया गया था। आईएफएस अधिकारी, उनके पति अजीत कुमार गुप्ता, अनी बुलियन एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, अनी कमोडिटी ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड और अनी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत दायर आरोपपत्र में आरोपी बनाया गया है। इस मामले में ईडी ने सुश्री सिंह से पूछताछ की थी और बताया गया था कि आखिरी बार वह दिल्ली में विदेश मंत्रालय में तैनात थीं।
 
ईडी के अनुसार, धन शोधन की जांच तब शुरू हुई जब ईडी ने गुप्ता और विभिन्न अन्य व्यक्तियों/संस्थाओं के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज 33 एफआईआर का संज्ञान लिया, जिसमें 21.02.2020 और 26.10.2020 के बीच धोखाधड़ी करने के इरादे से विभिन्न लोगों को "धोखाधड़ी" योजनाओं में निवेश करने के लिए "लालच" देकर 110 करोड़ रुपये की "धोखाधड़ी और धोखाधड़ी" करने का आरोप है।पुलिस ने कम से कम 12 मामलों में 25 आरोपपत्र भी दाखिल किये हैं।
 
एजेंसी ने आरोप लगाया कि श्री गुप्ता ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर अपनी स्वामित्व वाली कंपनी एनी बुलियन ट्रेडर के माध्यम से दैनिक जमा योजना, मासिक आवर्ती जमा योजना और सावधि योजना जैसी "धोखाधड़ी" योजनाएं शुरू करके भोले-भाले निवेशकों से भारी मात्रा में धन एकत्र किया, जिसमें उन्हें 40 प्रतिशत प्रति वर्ष की "अत्यधिक" दर से रिटर्न देने का वादा किया गया था, जिसे वे वापस करने में "विफल" रहे।
 
जाँच में पाया गया कि बाद में उसने अपने करीबी सहयोगियों, जो उक्त सोसायटी के पदाधिकारी थे, के माध्यम से आई विजन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के खाते का उपयोग करके नई रिटर्न-लिंक्ड निवेश योजनाओं के नाम पर निवेशकों से धन इकट्ठा करना शुरू कर दिया।ईडी ने आरोप लगाया कि ये निवेश "कभी वापस नहीं किए गए" और निर्दोष लोगों से 60 करोड़ रुपये की ठगी की गई। इसमें कहा गया है, "अजीत गुप्ता द्वारा भोले-भाले निवेशकों को लुभाकर अर्जित की गई आपराधिक आय को एनी ग्रुप की विभिन्न कंपनियों के माध्यम से आगे बढ़ाया गया और इसका उपयोग स्वयं के लिए तथा अपनी आईएफएस पत्नी नीहारिका सिंह और अन्य के नाम पर मकान, कृषि भूमि आदि जैसी विभिन्न अचल संपत्तियों की खरीद के लिए किया गया।"इस मामले में ईडी ने पहले 9 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी।

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