भैया दूज अटूट रिश्ते का त्योहार परंपरागत रूप से मनाया गया 

 भाई बहिन के अटूट रिश्ते की पहचान है भाई  दूज - अल्केश पटेल 

भैया दूज अटूट रिश्ते का त्योहार परंपरागत रूप से मनाया गया 

कानपुर। जनपद में भाई दूज का त्योहार परंपरागत तरीके से मनाया गया। इस बीच हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व प्रदेश प्रचारक, विचारक एवं हिंदूवादी नेता अल्केश पटेल ने भैया दूज के संबंध में कहा कि शास्त्र हिंदूओं के प्रमुख त्योहार में भाईदूज का भी बहुत अधिक महत्व है। भाईदूज का पर्व दीपावली से दो दिन बाद आता है, इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र के लिए हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना भी करती हैं। स्कंदपुराण में लिखा है कि इस दिन यमराज को प्रसन्न करने से पूजन करने वालों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
 
इसको मनाए जाने के पीछे एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। अल्केश पटेल ने बताया कि धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक द्वितीया के दिन यमुना ने अपने भाई यम को आदर- शुक्ल सत्कार स्वरूप वरदान प्राप्त किया था, जिस वजह से भाईदूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल यमराज के वर अनुसार जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके, यम का पूजन करेगा, मृत्यु पश्चात उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा। वहीं सूर्य की पुत्री यमुना समस्त कष्टों का निवारण करने वाली देवी स्वरूपा मानी गई हैं।
 
 

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