मामला ब्लाक लखीमपुर की ग्राम पंचायत सैधरी का---
इंटरलाकिंग रोड व नाली निर्माण कार्य में लग रहा भ्रष्टाचारी घुन
On
- मानकों को ताक पर रख हो रहा विकास कार्य
लखीमपुर-खीरी। विकास कार्यों के नाम जनता के पैसे व सरकारी धन का जमकर बंदरबांट हो रहा है। इस बात की तस्दीक करते हैं वर्तमान समय में हो रहे शहर से लेकर गांव तक में इंटरलाकिंग रोड व नाली निर्माण कार्य या फिर अन्य निर्माण कार्य। जहां पर कागज के पन्नों पर सारे मानक पूरे होते हैं। लेकिन धरातल पर कहानी कुछ और ही बयां करती है। हालांकि धीरे-धीरे अब आम जनमानस भी कमीशनखोरी के दलदल को अच्छी तरह से समझ चुका है। इसीलिए कहते हैं जैसे जो हो रहा है होने दो।
बात करते हैं विकास खंड लखीमपुर की ग्राम पंचायत सैधरी की जहां पर इन दिनों विकास की गंगा बह रही है। उसी गंगा में ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारी गोते लगा रहें हैं। ग्राम पंचायत सैधरी में इन दिनों क्षेत्र पंचायत व ग्राम निधि से कई विकास कार्य चल रहें हैं। इनमें से एक कार्य निघासन रोड पर महेवागंज पुल से पहले दाहिने हाथ पर ग्राम पंचायत जाने वाले मार्ग पर इंटरलॉकिंग रोड व नाली निर्माण का कार्य चल रहा है। जिसे बनाने में भ्रष्टाचार के सभी रिकॉड तोडे जा रहें हैं। हालांकि यदि जिम्मेदार अधिकारी मामले का संज्ञान लेकर स्थलीय निरीक्षण करे तो खामियां ही खामियां मिलेंगी।
वहीं तमाम शिकायत अपने मन में संजोए नागरिकों ने उस समय राहत की सांस ली, जब उनके सामने स्वतंत्र प्रभात की टीम पहुंची। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम निधि के मद से चल रहे निर्माण कार्य को लेकर लोगों ने बताया कि इंटरलॉकिंग का कार्य होना है। वहीं नाली निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर मानक को ताक पर रखकर यहां पर कार्य सिर्फ पैसे बनाने के लिए किया जा रहा है। कुल मिलाकर मानकों की दुहाई देने वाले जिम्मेदार इस ओर जान बूझकर अनजान बने हुए हैं जैसे उन्हें कुछ मालूम ही नहीं है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बरसात का पानी सड़क पर ही भरा रहेगा। इस दौरान यहां के स्थानीय नागरिकों में गुणवत्ता को लेकर भारी नाराजगी है।
नहीं उठते ब्लाक स्तरीय अधिकारियों के फोन खबर के संबंध में खंड विकास अधिकारी, एडीओ और ग्राम पंचायत अधिकारी को कई बार फोन लगाया गया। लेकिन उनका फोन नहीं उठा। ऐसे में महज ही समझा जा सकता है कि जब विकास कार्यों की गुणवत्ता और उनके मानको को लेकर जानकारी लेनी होती है तो साहब के फोन नहीं उठते, ऐसे में विकास कार्यों के नाम पर आम जनता को कहा से सटीक जवाब मिलता होगा।
खबर से संबंधित जानकारी उपलब्ध करा दें। मामले को दिखवाकर उचित कार्यवाही की जाएगी। बीडीओ, एडीओ के फोन न उठाने की जानकारी पर उन्होंने कहा कि फोन उठाना चाहिए, अभी बात करते हैं। फोन क्यों नहीं उठाया। - अभिषेक कुमार, मुख्य विकास अधिकारी
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