उप-राष्ट्रपति पद के ट्रम्प के उम्मीदवार ने डिबेट जीती : बोले- ट्रम्प की वजह से दुनिया में शांति आई थी; इजराइल का दोनों ने समर्थन किया
Internation Desk
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले बुधवार (भारतीय समय के मुताबिक) को उपराष्ट्रपति उम्मीदवारों के बीच बहस हुई। डेमोक्रेटिक उम्मीदवार टिम वॉल्ज और रिपब्लिकन कैंडिडेट जेडी वेंस ने 90 मिनट तक डिबेट की। डिबेट CBS न्यूज ने आयोजित कराई थी।
वॉल्ज की शुरुआत अच्छी नहीं रही, लेकिन बाद में उन्होंने अच्छा कमबैक किया। वहीं, कई एक्सपर्ट्स ने कहा कि रिपब्लिकन उम्मीदवार वेंस ने सीधे शब्दों में अपनी बातें रखीं। उन्होंने वॉल्ज के वादों को लेकर कहा कि अभी डेमोक्रिटक पार्टी की सरकार है। वे जो वादे कर रहे हैं वो उन्हें इस कार्यकाल में पूरा कर सकते थे।
डिबेट के बाद हुए पोल्स में डोनाल्ड ट्रम्प के साथी उम्मीदवार जेडी वेंस को जीता बताया गया। CBS यूगॉव पोल के मुताबिक 42% लोगों ने वेंस को डिबेट का विजेता माना है। वहीं, 41% लोगों ने माना कि टिम वॉल्ज की जीत हुई। 17% लोगों ने माना कि मुकाबला बराबरी पर रहा।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए 5 नवंबर को चुनाव हैं। दोनों प्रमुख पार्टियों की ये आखिरी डिबेट थी। राष्ट्रपति पद के लिए अब तक दो डिबेट हो चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहली बहस के बाद रेस से बाहर हो गए थे। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने उनकी जगह ली और ट्रम्प के साथ दूसरी बहस में हिस्सा लिया था।
दोनों उम्मीदवारों ने इजराइल का समर्थन किया डिबेट की शुरुआत मिडिल ईस्ट संकट से हुई। मिनिसोटा गवर्नर वॉल्ज ने कहा कि अमेरिका को मिडिल ईस्ट में अपनी मौजूदगी बनाए रखनी चाहिए और इजराइल के साथ खड़ा रहना चाहिए। डेमोक्रेटिक नेता ने कहा कि कमला हैरिस अपने साथी देशों की अहमियत समझती हैं, जबकि डोनाल्ड ट्रम्प का अपने सहयोगी देशों को मदद करने का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है।
इसके जवाब में रिपब्लिकन उम्मीदवार वेंस ने कहा कि वॉल्ज के ये आरोप बेबुनियाद हैं। जब ट्रम्प राष्ट्रपति थे तो उन्होंने इजराइल का काफी साथ दिया था। वेंस ने कहा कि हमें अपने सहयोगियों की मदद करनी चाहिए चाहे वे कहीं भी कितनी भी बुरी हालत में क्यों न हों।
डिबेट से पहले दोनों ने हाथ मिलाया ट्रम्प और बाइडेन के उलट दोनों ही दलों के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों ने बहस से पहले एक-दूसरे से हाथ मिलाया। दोनों ने मिडिल ईस्ट संकट, अमेरिकी इकोनॉमी, अबॉर्शन, हेल्थ केयर, इमिग्रेशन, गन वॉयलेंस, क्लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों पर बहस की।
डिबेट के दौरान डेमोक्रेट नेता वॉल्ज ने ट्रम्प की ज्यादा उम्र पर भी लोगों का ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि 80 साल के ट्रम्प असली मुद्दे पर ध्यान देने की बजाय भीड़ जुटाने पर ध्यान देते हैं। डिबेट के दौरान दोनों पार्टी के नेताओं ने एक-दूसरे की आलोचना करने के बजाय राष्ट्रपति उम्मीदवारों की आलोचना की।
वॉल्ज और वेंस के बीच डिबेट की अहम बातें...
1. ईरान पर
टिम वॉल्ज- हमारे पास ऐसे देशों का गठबंधन था जिन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोक रखा था, लेकिन ट्रम्प ने उसे खत्म कर दिया। उनकी खराब लीडरशिप की वजह से ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब पहुंच गया। ईरान की एटॉमिक पावर लगातार बढ़ रही है।
जेडी वेंस- ट्रम्प ने अपने चार साल के दौरान अमेरिका की ताकत बढ़ाई और दुनिया में शांति कायम रखी। जेडी वेंस ने ट्रम्प की सराहना करते हुए कहा कि उनकी नीतियों की वजह से दुनिया में स्थिरता आई थी।
2. इमिग्रेशन
जेडी वेंस- अमेरिका में ढाई करोड़ अवैध इमिग्रेंट्स हैं। अमेरिकी नागरिकों की जिंदगी कमला हैरिस के ओपन बॉर्डर की नीतियों से बर्बाद हो गई है।
टिम वॉल्ज- ट्रम्प ने मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने का वादा किया था, लेकिन उनके कार्यकाल में 2% सीमा पर भी दीवार नहीं लगाई जा सकी। ट्रम्प ने कहा था कि वे मेक्सिको से दीवार बनाने के लिए पैसा वसूलेंगे, लेकिन उसने एक पैसा भी नहीं दिया।
3. इकोनॉमी
टिम वॉल्ज- डेमोक्रेटिक पार्टी को मिडिल क्लास की चिंता है। पार्टी ये कोशिश करेगी कि मिडिल क्लास के कंधों से टैक्स का बोझ कम हो।
जेडी वेंस- अमेरिकी इकोनॉमी की हालत बुरी हो रही है। हम सीधे-सादे उपायों को अपनाकर इसे ठीक करेंगे। हम इसके लिए एक्सपर्ट की बात नहीं सुनेंगे बल्कि आम लोगों की बात सुनेंगे। ट्रम्प ने ऐसे ही काम किया था।
4. अबॉर्शन
टिम वॉल्ज- मिनिसोटा में हमने अबॉर्शन कानून लागू रहने दिया। ट्रम्प अबॉर्शन पर बैन के हिमायती हैं। अबॉर्शन के संवैधानिक अधिकार को पलटने वाले सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की नियुक्ति में पूर्व राष्ट्रपति की बड़ी भूमिका रही थी।
जेडी वेंस- हमारा देश बहुत बड़ा है और विविधता से भरा है। कैलिफोर्निया के लोगों की सोच, जॉर्जिया के लोगों की सोच से अलग हो सकती है। इसलिए हमारा मानना है कि अबॉर्शन के मुद्दे पर राज्यों को फैसला लेने का अधिकार होना चाहिए।
5. गन वॉयलेंस
जेडी वेंस- मेंटल हेल्थ और नशीली दवाओं का इस्तेमाल बंदूक से होने वाली मौतों की एक बड़ी वजह है। हमें अपने स्कूलों की सुरक्षा बढ़ानी होगी।
टिम वॉल्ज- हम अपने स्कूलों को किले में नहीं बदल सकते। बंदूक खरीदने वाले लोगों के बैकग्राउंड की जांच पर जोर देंगे।
उपराष्ट्रपति उम्मीदवारों की बहस का राष्ट्रपति चुनाव पर असर पड़ेगा?
अमेरिकी राजनीतिक इतिहास बताता है कि उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की बहस वास्तव में कोई मायने नहीं रखती। 1988 में डेमोक्रेट लॉयड बेंटसेन ने रिपब्लिकन कैंडिडेट डैन क्वेले को हराया, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में जॉर्ज बुश सीनियर जीत गए। हालांकि वेंस के अच्छे प्रदर्शन से माना जा रहा है कि रिपब्लिकन नेताओं का उत्साह बढ़ सकता है।
Comment List