दुष्प्रचार के घोड़े पर सवार भाजपा
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शुक्रवार को चर्चित महिला पहलवान विनेश फोगाट को कांग्रेस ने पार्टी में शामिल कर हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना से कांग्रेस उम्मीदवार घोषित कर दिया है। विनेश के साथ- साथ धुरंधर पहलवान ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया भी कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस पार्टी ने बजरंग के चुनाव ना लड़ने की इच्छा जाहिर करने पर उन्हें ऑल इंडिया किसान कांग्रेस का कार्यकारी चेयरमैन बना दिया है। विनेश फोगाट को जुलाना से टिकट दिए जाने पर बजरंग पूनिया ने कहा कि हमने तय किया था कि हममें से कोई एक ही चुनाव लड़ेगा और विनेश चुनाव लड़ रही हैं। मैं विनेश के साथ खड़ा हूं। उन्होंने कहा कि मैं संगठन में काम करूंगा और हाईकमान द्वारा दी गई जिम्मेदारी को पूरा करूंगा। बजरंग पूनिया ने कहा कि मैं सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं। मुझे लगता है कि मुझे राजनीति में भी लोगों का वही प्यार मिलेगा जो मुझे कुश्ती के जरिए मिला। मैं यहां लोगों की सेवा की भावना से आया हूं।
मैं जमीनी स्तर पर रहकर कड़ी मेहनत करूंगा। वहीं विनेश फोगाट ने बृजभूषण के खिलाफ लड़ाई को जारी रखने और इसे अंजाम तक पहुंचाने की बात कही साथ ही बीजेपी पर भी निशाना साधा। जुलाना सीट से इस समय जेजेपी के अमरजीत ढांडा विधायक हैं। जेजेपी ने इस बार भी उन्हें ही उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने इस सीट से उम्मीदवार की अभी तक घोषणा नहीं की है। 2019 के चुनाव में ढांडा ने बीजेपी के परमिंदर सिंह ढुल को हराया था। उन्हें 61 हजार 942 वोट मिले थे। परमिंदर सिंह को 37 हजार 749 वोट मिले थे। कांग्रेस के उम्मीदवार धर्मेंद्र सिंह ढुल तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें 12 हजार 440 वोट मिले थे। 2014 के चुनाव में यहां से आईएनएलडी के टिकट पर परमिंदर सिंह ढुल ने जीत दर्ज की थी। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के धर्मेंद्र सिंह ढुल रहे थे। तीसरे स्थान पर बीएसपी और चौथे पर बीजेपी रही थी।
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण ने पहलवानों के कांग्रेस में शामिल होने पर कहा कि अब यह पूरी तरह साबित हो गया की पहलवानो द्वारा जंतर-मंतर पर किया गया विरोध प्रदर्शन कांग्रेस प्रायोजित था। इन आरोपों के जबाव में बजरंग ने कहा। यह सरासर झूठा आरोप है।
उन्होंने कहा कि उस समय हमारा राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। हमने शुरू में किसी भी राजनेता को अपने मंच पर आने की अनुमति नहीं दी थी, जो आरोप लगा रहे हैं उनका काम कहानी बनाना है। विनेश फोगाट और बजरंग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात की,इसके बाद वे कांग्रेस महासचिव प्रभारी संगठन के.सी वेणुगोपाल, एआईसीसी महासचिव प्रभारी हरियाणा दीपक बाबरिया, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान और कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा की मौजूदगी में एआईसीसी मुख्यालय में कांग्रेस में शामिल हुए।
अब यदि हम बीजेपी और बृजभूषण सिंह के आरोपों की बात करें तो वो पूर्ण तौर पर अर्थहीन लगते हैं। कारण यह कि किसी विरोध प्रदर्शन के पीछे कौन है यह मायने नही रखता मायने यह रखता है कि लगाए गए इल्जामों में कितनी सच्चाई है और फिर जिस तरह के तथ्य खुलकर सामने आए उसमें बृजभूषण साफ साफ फंसते दिखे। इसके साथ-साथ बीजेपी की बात करें तो उन्हे कांग्रेस ने तो कहा नही था कि वे पहलवान बेटियों को घसीटे, मारे-पीटे। सरकार उनकी थी पहलवान बात करना चाहते थे उनसे बात कर लेते और इंसाफ का आश्वासन दे देते तो शायद यह मामला इतना तूल ही ना पकड़ता। बेशक कांग्रेस दूध की धूली नही है परन्तु विपक्ष को यदि कोई सही और सच्चा मुद्दा मिल जाए, उसको उठाना और पुरज़ोर तरीके से पीडित को इंसाफ दिलाने के लिए उठाना उसका फर्ज है। बहुत से ऐसे इल्जाम बीजेपी पर कांग्रेस सरकारों के समय भी लगते रहे हैं।
विपक्ष जनता की आवाज है और उसका फर्ज है कि वो नाइंसाफी के खिलाफ जनता का साथ दे। बीजेपी का यह इल्जाम कि इन खिलाड़ियों ने किया ही प्रदर्शन राजनीति में आने के लिए ही था पूर्ण तौर पर हास्यास्पद लगता है। क्या आज से पहले तमाम राजनीति में आने वाले खिलाडी किसी विरोध प्रदर्शन के जरिए ही राजनीति में आए हैं? क्या जिस कद के खिलाड़ी विनेश और बजरंग पूनिया है उनके लिए विधायक चुनाव के लिए टिकट पाना या किसी पार्टी में वरिष्ठ पद पाना बहुत बढ़ी उपलब्धी है? ऐसे अंतरराष्ट्रीय नामी खिलाड़ियों को तो पार्टियां बुला बुला के टिकट देती आई हैं। यदि विनेश और बजरंग ने बीजेपी से टिकट मांगी होती क्या वो मना करते? नही बिल्कुल भी नहीं आज कल की राजनीति के परिदृश्य में तो कम से कम ऐसा नही हो सकता था। पार्टियां तो ढूंढती हैं ऐसे भीड जुटाने वाले चेहरे। कुछ पार्टियों के भक्त टाईप कार्यकर्ताओं की बात सुनकर हंसी आती है जब वो कहते हैं कि विनेश ने पेरिस ओलंपिक में अपना वजन बढाया ही इसलिए था ताकि वो हरियाणा चुनावों में लोगों की सहानुभूति बटोर सके। मतलब कि उन लोंगो को ओलंपिक मैडल और वो भी गोल्ड या सिल्वर की अहमियत तक का अंदाजा नही है।
जुलाना विधानसभा टिकट मिलने के बाद चंद शब्दों में विनेश ने पूरी स्थिती उजागर कर दी थी। विनेश ने कहा कि भाजपा उस समय बृजभूषण शरण सिंह का समर्थन कर रही थी, जबकि कांग्रेस ने दिल्ली में सड़कों पर घसीटे जाने के दौरान विरोध करने वाले पहलवानों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि मैं देश के लोगों और मीडिया का शुक्रिया अदा करती हूं, आपने मेरी रेसलिंग जर्नी के दौरान मेरा साथ दिया। मैं कांग्रेस पार्टी का शुक्रिया अदा करती हूं, कठिन समय आपको बताता है कि आपके साथ कौन है। जब हमें सड़कों पर घसीटा गया, तो भाजपा को छोड़कर सभी दल हमारे साथ खड़े थे। मैं एक नई पारी शुरू कर रही हूं, मैं चाहती हूं कि खिलाड़ियों को वह सब न सहना पड़े, जिससे हमें गुजरना पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि हम डरेंगे नहीं और पीछे नहीं हटेंगे। हमारा कोर्ट केस चल रहा है, हम उसमें भी जीतेंगे।
ऐसे ही किसान अंदोलन के लिए बीजेपी किसानों पर विदेशी फंडिंग और विदेशी ताकतों की शह का इल्जाम लगाती थी परन्तु पूरी जोर लगाने के बाद भी सरकार ऐसा कुछ भी साबित नही कर पाई थी। फिर स्थितियां बिगड़ती देख प्रधानमंत्री को तीन काले कानून वापिस लेने पड़े और किसानों से माफी भी मांगनी पड़ी थी। परन्तु भाजपा ने अब तक इससे कुछ सबक नही लिया और अपने दुष्प्रचार के घोड़े पर सवार हो आगे बढ़ रही है।
(नीरज शर्मा 'भरथल')
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