झारखंड राज्य पेंशनर्स समाज अनुमंडल शाखा बरही ने की यूपीएस और ओपीएस विवाद के समाधान की मांग, एसडीओ को राष्ट्रपति के नाम सौपा ज्ञापन

झारखंड राज्य पेंशनर्स समाज अनुमंडल शाखा बरही ने की यूपीएस और ओपीएस विवाद के समाधान की मांग, एसडीओ को राष्ट्रपति के नाम सौपा ज्ञापन

बरही- झारखंड राज्य पेंशनर्स समाज अनुमंडल शाखा बरही ने राज्य में यूपीएस (सार्वजनिक उपक्रम योजना) की जगह ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) की बहाली के लिए विशेष मांग की है। इस संदर्भ में अनुमंडल शाखा बरही ने एसडीओ बरही जोहन टुडू को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए बताया है कि 2004 से लागू की गई यूपीएस योजना कर्मचारियों के लिए न्यायोचित नहीं है, और इसे तुरंत प्रभाव से रद्द कर ओपीएस बहाल की जानी चाहिए। पत्र में कहा गया है कि जहां दुनिया के कई देशों में सरकारी सेवाओं में रिटायरमेंट के बाद पेंशन की व्यवस्था मजबूत है, वहीं भारत में यूपीएस के कारण पेंशन का अधिकार खत्म हो गया है।
 
इसमें उल्लेख किया गया कि पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देश में 80 प्रतिशत, श्रीलंका में 85 प्रतिशत, अफगानिस्तान में 80 प्रतिशत और दुनिया के सबसे छोटा देश साईप्रश में 64 प्रतिशत पेंशन दिया जाता है। जबकि भारत में 2004 के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को इसके लाभ से वंचित कर दिया गया है। झारखंड राज्य पेंशनर्स समाज बरही अनुमंडल शाखा ने यूपीएस की सीमाओं और ओपीएस की व्यापकता का उल्लेख करते हुए कहा कि ओपीएस के तहत कर्मचारी पेंशन से जुड़े कई लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जिनमें पेंशन की राशि का एक निर्धारित प्रतिशत और डीए (महंगाई भत्ता) भी शामिल है।
 
इसके विपरीत, यूपीएस में कर्मचारियों को पेंशन की कोई निश्चित गारंटी नहीं होती है, जिससे सेवानिवृत्त कर्मियों के जीवन में अस्थिरता आ जाती है। समाज ने सरकार से अपील की है कि यूपीएस की जगह ओपीएस को बहाल कर कर्मचारियों को उनके सेवाकाल के बाद सम्मानजनक जीवनयापन का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार ने इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाए, तो कर्मचारियों और पेंशनर्स को न्याय दिलाने के लिए व्यापक आंदोलन किया जाएगा। इस पत्र पर झारखंड राज्य पेंशनर्स समाज के महासचिव सहित अन्य प्रमुख सदस्यों के हस्ताक्षर हैं, जो इस मांग को जोर-शोर से उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मौके पर राजेंद्र प्रसाद रुखरियार, तोखन प्रजापति, विनय कुमार सिन्हा, सुधीर कुमार चौधरी मौजूद थे।
 

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