कानून के हाथ से भी लंबे साबित हो रहे भ्रष्टाचार के हाथ
भाजपा राज में अपने चरम स्तर पर फैला भ्रष्टाचार
स्वास्थ विभाग बलरामपुर से आ रही प्रकाश में भ्र्ष्टाचार की ताजी तस्वीरे
विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट
बलरामपुर
एक तरफ जहां प्रदेश के मुख्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश के दावे किया जा रहा है ।वहीं दूसरी तरफ उन्ही की जिम्मेदार अधिकारी ही प्रदेश सरकार के भ्र्ष्टाचार मुक्त प्रदेश के दावे की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। जिससे कही न कही प्रदेश सरकार की क्षवि धूमिल होने की बात सामने आरही है ।
ताजा तस्वीर जनपद बलरामपुर के स्वास्थ्य विभाग की है जहां पर सीएचसी तुलसीपुर के अधीक्षक सुमन्त सिंह चौहान के द्वारा महिला आशा के साथ छेड़छाड़ के आरोप के साथ-साथ अवैध वसूली, नियमों की अनदेखी और सरकारी योजनाओं के आवण्टित सरकारी धन जिसका लाभ गरीबों असहाय और निर्बल वर्ग के लिए सरकार द्वारा दी जाती है जिसमें अधीक्षक के द्वारा हेरा फेरी करने के साथ कई अन्य गंभीर आरोप के बाद भी स्वास्थ विभाग के जिम्मेदार अब भी ऐसे अधिकारी को बचाने में लगे है ।जिसपर विभागीय विधिक कार्रवाई न करा कर जिले व मंडल के शीर्ष पर बैठे जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा सिर्फ स्थानांतरित कर मामले को ठन्डे बस्ते में डाल देने का पूरा प्रयास किया गया है जबकि आरोप के सम्बंध में जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट भी सीएमओ बलरामपुर को सौप दी है ।
पूरा मामला जनपद बलरामपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर से जुड़ा हुआ है जहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉक्टर सुमन्त सिंह चौहान पर विभागीय भ्र्ष्टाचार , नियमों की अनदेखी के साथ-साथ आशा कार्यकत्री के साथ छेड़खानी तथा अवैध वसूली जैसे कई संगीन आरोप लगाए गए हैं और यह आरोप जनपद के साथ-साथ मंडल तथा प्रदेश व केंद्र सरकार के अधिकारियों के संज्ञान में होने के साथ ही उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के भी संज्ञान में होने के बावजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर डॉ मुकेश रस्तोगी के द्वारा अधीक्षक के बचाव कर कोई कार्रवाई न करते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डालने का पूरा प्रयास करते हुए जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर से उठाकर दूसरे समुदाय स्वास्थ्य केंद्र श्रीदत्तगंज में ट्रांसफर कर दिया जाता है। सिर्फ स्थान में बदलाव कर दूसरे स्थान स्थान्तरित किया जाता है जबकि ऐसे अपराध पर सख्त कार्यवाही विभाग के द्वारा होनी चाहिए। जिसे कहीं न कहीं प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की दावे पर बड़ा सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं जबकी पूरा मामला प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक व एडिशनल डायरेक्टर स्वास्थ्य विभाग गोंडा के संज्ञान में होने के बावजूद सिर्फ ट्रांसफर करने से यह तस्वीर तो साफ हो जाती है कि अब भाजपा सरकार में कानून के हाथ से लंबे भ्रष्टाचार के हाथ हो चुके हैं जो कहीं न कहीं एक समुदायिक स्वास्थ केंद्र से लेकर जिले और मंडल से होते हुए राजधानी तक भ्रष्टाचार के लंबे हाथ फैले हुए की बात सामने आरही है।
जिसका असर बीते दिनों देश व प्रदेश में हुए लोकसभा चुनाव में देखने को मिला जंहा भाजपा को इतने कम सीटे मिलने की बात सामने आई ।
आखिर क्यों प्रदेश के श्रावस्ती लोकसभा सीट से भाजपा को हार का मुंह देखना पडॉ जिसका मतलब है जिम्मेदारो की निरंकुशता व विभागीय भ्र्ष्टाचार।
जो अपने आप मे बड़ा सवाल है कि अखित कब तक ऐसे ही व्याप्त भ्रष्टाचार पर जिम्मेदारों की खामोशी बनी रहेगी य यह समझा जाए कि चोर चोर मौसेरे भाई है और विभागीय भ्र्ष्टाचार में उनकी मौन स्वीकृति है इसी लिए बचाने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।
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