इंटरनेट शॉपिंग, वैश्विक बाजार का महासागर|
इंटरनेट शॉपिंग अभी भारत तथा विश्व के हर देश में जबरदस्त तरीके से चलन में है| भारत ई शॉपिंग के लिए एक वृहद बाजार है | इंटरनेट शॉपिंग ने खरीदारी की दुनिया ही बदल कर रख दी है| इंटरनेट न सिर्फ अलग-अलग उत्पाद के बारे में उपभोक्ताओं को नवीन जानकारी उपलब्ध कराई है ,बल्कि उपभोक्ताओं को सस्ती दरों में सामान भी पहुंचाना शुरू कर दिया है| इंटरनेट घर के भीतर ही कंप्यूटर और मोबाइल पर ऐसे ऐसे उत्पाद की जानकारी हर उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराता है जिसके बारे में उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी| मुलत शॉपिंग की शुरुआत 21वीं सदी के शुरू में हुई थी. कुछ वर्षों में यह इस कदर छा गई की कुछ लोग बाजार जाना ही बंद कर चुके है| ई शॉपिंग के द्वारा जनता अपनी मनपसंद वस्तु घर में बैठे-बैठे प्राप्त कर सकती है| इस तरह बाजार की भीड़ की परेशानियों प्रदूषण से बचने एवं अनावश्यक पेट्रोल की फिजूलखर्ची से भी बचा जा सकता है| कुछेक अपवाद को छोड़कर ई शॉपिंग काफी इकोनामिक एवं भरोसेमंद है|
बाजार जाने की बड़ी परेशानियों से बच कर कंप्यूटर मोबाइल के द्वारा एक बटन दबाकर अपनी पसंदीदा वस्तु अपने घर में ही प्राप्त कर लेते है ,इसके लिए आपके पास बैंक में पैसे एटीएम कार्ड होना चाहिए फिर देखिए दुनिया का बाजार आपकी मुट्ठी में होगा| टाटा संस के चेयरमैन रतन जी टाटा कहते हैं कि भारत में लोग बहुत बड़ी संख्या में समय अभाव के कारण बाजार जाकर खरीदारी नहीं कर पाते हैं| पर हिंदुस्तान ने की शॉपिंग का चलन इतना बढ़ गया है कि500 से से 600 सौ मिलियन लोग इस माध्यम से धड़ल्ले से ई शॉपिंग कर रहे हैं. इस सुविधा युक्त शॉपिंग का भारत में बहुत तेजी से बढ़ रहा है| ऑनलाइन शॉपिंग की स्थिति यह है कि 2017 के अंत में 100 मिलियन लोग ई शॉपिंग कर रहे थे, जून 2020 में दिल्ली ,मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बंगलुरु, चंडीगढ़ के साथ बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा केरल और पंजाब के लोग हर साल दुगनी रफ़्तार से ई-कॉमर्स के जरिए शॉपिंग करने में जुट गए हैं| इंटरनेट के द्वारा शॉपिंग करने में 25 से 30 वर्ष के युवा बहुत ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं|
युवा वर्ग खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम खरीदने में अपना इंटरेस्ट दिखा रहे हैं. वहीं महिलाएं ग्रॉसरी इलेक्ट्रॉनिक आइटम कॉस्मेटिक और कपड़ा रेडीमेड खरीदने में रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं| वस्तुतः ई शॉपिंग करने के पीछे कई कारण है जैसे समय की बचत एवं भीड़भाड़ तथा पेट्रोल टैक्सी रिक्शा के अनावश्यक खर्च से बचत होने से भी इसे काफी बढ़ावा मिल रहा है.इसके अलावा सस्ती खरीदारी एक बड़ा कारण है| आपको ई-कॉमर्स की खरीदी में वैश्विक बाजार ऑनलाइन उपलब्ध रहता है |नए-नए उत्पादकों के अनुसंधान एवं उत्पादन बड़ा है, वह एक साथ दुनिया के किसी कोने में भी तत्काल 2 या 3 दिन में उपलब्ध कराया जाता है| यह एक अंतरराष्ट्रीय सुविधा उपभोक्ताओं को बड़ी आसानी से मिल जाती है|
ई-कॉमर्स में आए खराब सामान को आप तत्काल बदलने की सुविधा भी प्राप्त कर लेते हैं| खरीदारी चुकी ऑनलाइन एक नंबर में होती है अतः इसमें धोखाधड़ी की संभावना भी कम पर बनी हुई है| पर धोखाधड़ी तथा चीटिंग की संभावना इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि जो प्रोडक्ट बुलाया जाता है कई बार उससे निम्नतम क्वालिटी की सामग्री जानबूझकर भेज दी जाती है, पर इसकी कानूनी प्रक्रिया भी है जिससे उपभोक्ता को काफी राहत मिल जाती है| इसके अलावा आप अपनी पुरानी वस्तुओं को भी भेजने की सुविधा शॉपिंग में प्राप्त कर सकते हैं, और उसके दाम प्राप्त कर सकते हैं| पर इस ऑफिस में कुछ सावधानियां रखनी चाहिए इससे हमें आर्थिक से नुकसान ना झेलना पड़े, इसीलिए की शॉपिंग करते समय यह ध्यान रहे की अधिकृत वेबसाइट से ही सामान का ऑनलाइन ऑर्डर दिया जाना चाहिए| सस्ती खरीदारी के चक्कर में आर्थिक नुकसान उठाने की संभावना ज्यादा रहती है|
ऑनलाइन खरीदी करने से आपके पासवर्ड और पिन नंबर कई वायरस वाली कंपनियां सेलपॉइंट से चुरा ले कर आपके अकाउंट से पैसा भी निकाल सकती है| खरीदारी करते समय ब्रांडेड कंपनी की वेबसाइट की रिफंड वारंटी एवं अन्य नीतिगत बातों की तरफ ध्यान रखकर की खरीदारी की जानी चाहिए| ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ ट्रेडर्स के अनुसार 2014 से भारत भर में स्थापित खुले बाजार को ही ई शॉपिंग के कारण 30 से 35% नुकसान झेलना पड़ता है| भरत का डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया भी बहुत तेजी से हो रही है. जिससे समाज को ई शॉपिंग इंटरनेट और अन्य माध्यमों से शिक्षित करना एवं जागरूक करना है| भारत की बड़ी जनसंख्या अभी शिक्षित नहीं हो पाई है| ई शॉपिंग उनके लिए थोड़ी आ सुविधाजनक एवं खतरनाक भी हो सकती है| पर कुल मिलाकर इंटरनेट शॉपिंग काफी सुविधाजनक तरीके से भारत भर में शॉपिंग के लिए एक माहौल बना दिया है|
संजीव ठाकुर,वर्ल्ड रिकार्ड धारक लेखक,चिन्तक,स्तम्भकार,
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