पश्चिमी बंगाल : यौन शोषण की वारदातों को रोकने में नाकाम ममता सरकार! 

पश्चिमी बंगाल : यौन शोषण की वारदातों को रोकने में नाकाम ममता सरकार! 

पश्चिम बंगाल में अभी आरजीकर मेडिकल कॉलेज में रेप-मर्डर की वारदात की तपिश ठंडी नहीं हुई है लेकिन महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। चौबीस घंटे में कोलकाता के ईर्द-गिर्द ही चार वारदात हुईं हैं। सीटी स्केन करने के दौरान तेरह साल की नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ की गई वहीं  बीरभूम जिले के एक स्वास्थ्य केंद्र में रात को ड्यूटी पर तैनात महिला नर्स से छेड़छाड़ की घटना घटी है, तो मध्यमग्राम में सात साल की मासूम के साथ गंदी हरकत की गयी. इसके खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया और पुलिस के सामने तोड़फोड़ की है। 
आपको याद रहे कि अभी हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बच्चियों महिलाओं के साथ यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर गहरा रोष और चिंता व्यक्त की थी। पश्चिम बंगाल में  शनिवार रविवार के मध्य चौबीस घंटे के भीतर ही नाबालिग बच्चियों समेत चार महिलाओं के साथ यौन शोषण दुर्व्यवहार और दरिंदगी के मामले सामने आए हैं इन वारदातों ने एक बार फिर यौन शोषण के बढ़ते हमलों व वारदातों को लेकर सनसनी फैला दी है। 

पं बंगाल में एक बार फिर नाबालिग के साथ अस्पताल में छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. दरअसल, यहां के हावड़ा अस्पताल में 13 वर्षीय लड़की के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. यह घटना रात में सीटी स्कैन विभाग में हुई. इस मामले में आरोपी अमन राज को गिरफ्तार कर लिया है. बता दें कि अमन राज सीटी स्कैन विभाग में अस्थायी कर्मचारी है.
जानकारी के मुताबिक शिबपुर की रहने वाली 13 वर्षीय लड़की को निमोनिया की शिकायत के चलते 28 अगस्त को हावड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार रात को उसे सीटी स्कैन के लिए ले जाया गया लेकिन वह तुरंत रोते हुए बाहर आई और उसने किसी अन्य मरीज के रिश्तेदार से मदद मांगी थी. इस पर बाहर खड़ी पीड़ित लड़की की मां अपनी बेटी को रोता देख दौड़कर आई. इसके बाद यह खबर इलाके में फैल गई, जिससे स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया. खबर मिलते ही पीड़ित परिवार और रिश्तेदार अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन किया. यहां तक ​​कि उन्होंने कथित तौर पर आरोपी की पिटाई करने की भी कोशिश की.सूचना पर पहुंची हावड़ा पुलिस ने आरोपी अमन राज को भीड़ के गुस्से से बचाया।  इसके बाद पुलिस ने परिवार की शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच चल रही है. जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

दूसरी वारदात पश्चिम बंगाल के ही बीरभूम से रविवार को भी एक छेड़खानी की घटना सामने आई थी. जहां एक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज ने ही नर्स से छेड़खानी की थी. मामले में पुलिस ने आरोपी मरीज को गिरफ्तार कर लिया है.
बीरभूम स्वास्थ्य केंद्र में छेड़छाड़ का शिकार हुई नर्स ने बताया कि वह नाइट शिफ्ट में थी। एक मरीज को बुखार की शिकायत के बाद भर्ती किया गया। डॉक्टरों की सलाह पर नर्स उसे सलाइन लगाने की तैयारी कर रही थी, तभी मरीज ने नर्स के प्राइवेट पार्ट छुए। साथ ही गालियां देने लगा।
बीरभूम जिले के इलमबाजार में रात्रि ड्यूटी कर रही नर्स के साथ छेड़छाड़ की घटना घटी है. इसके बाद एक युवक को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार व्यक्ति का नाम शेख अब्बास उद्दीन है. उसकी उम्र तीस साल है. उसे सर्दी-जुकाम और बुखार के चलते इलमबाजार प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था।.जब नर्स उसे देखने गई तो नर्स ने कथित तौर पर उसके शरीर के प्राइवेट पार्ट को छुआ। रात की घटना को लेकर महिला नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों ने रविवार सुबह से ही अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और हड़ताल पर चली गयीं. उन्होंने कहा कि हम दो दिन की सुरक्षा की मांग नहीं चाहते हैं. हम अस्पताल की साल भर सुरक्षा चाहते हैं. जब-तक प्रशासन सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करता, हम कोई काम नहीं करेंगे। 

इससे पहले मध्यमग्राम में सात साल की नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न किया गया. मध्यमग्राम के रोहांडा पंचायत के राजबाड़ी इलाके में जब यह घटना सामने आई तो स्थानीय लोग भड़क गए और आरोपी के घर के रिश्तेदारों की दुकानों में तोड़फोड़ शुरू कर दी. मौके पर मध्यमग्राम पुलिस पहुंची. पुलिस को देखकर ग्रामीणों ने वी वांट जस्टिस के नारे लगाने शुरू कर दिए। 
मध्यमग्राम थाना अंतर्गत रोहांडा पंचायत के राजबाड़ी इलाके में 7 साल की एक बच्ची से यौन शोषण का मामला सामने आया। आरोप है कि दुकानदार ने पास के इलाके की एक बच्ची को प्रलोभन देकर दुकान के अंदर बुलाया. फिर उसका यौन शोषण किया. पीड़िता ने जाकर अपनी मां को घटना की जानकारी दी. जैसे ही आसपास के लोगों को इसकी सूचना मिली, स्थानीय लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. रात में ही आरोपी के घर के सामने लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। 

इलाके के लोग आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात ही सड़क पर उतर आए. देर रात में आरोपी के घर और दुकान में जमकर तोड़फोड़ की. आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहे स्थानीय तृणमूल नेता के घर पर भी लोगों ने धावा बोल दिया। 
स्थानीय लोगों ने पुलिस के सामने भी तोड़फोड़ जारी रखी. यहां तक कि उस इलाके के पंचायत सदस्य के घर में भी तोड़फोड़ की गई. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पंचायत सदस्य के पति ने आरोपी को छिपाने की कोशिश की. इसलिए उन्होंने उसके घर में तोड़फोड़ की. इसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा. पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर स्थिति को काबू में किया. आरोपी को मध्यमग्राम थाने ने गिरफ्तार कर लिया.मध्यमग्राम में नाबालिग लड़की को प्रताड़ित करने के आरोप में अब्दुल रोब और पंचायत सदस्य अब्दुल हाफिज को बारासात कोर्ट ले जाया गया.पुलिस ने सात दिनों की पुलिस हिरासत के लिए आवेदन किया तो जज ने तीन दिनों की पुलिस हिरासत का आदेश दिया. वहीं इस घटना में गिरफ्तार पंचायत सदस्य अब्दुल हाफिज को बारासात कोर्ट के जज ने तीन दिनों का जेल रिमांड का आदेश दिया।

आपको बता दें कि चौथी वारदात नदिया जिले के कृष्णगंज के भजनघाट मेंएक नाबालिग से उसके पड़ोसी ने रेप किया और फिर उसे  जान से मारने की धमकी भी दी। यह वारदात को अंजाम शनिवार शाम को दी गयी। बताया गया है कि किशोरी बाजार से खरीदारी करके घर लौट रही थी, तभी एक पड़ोसी ने उसे जबरदस्ती बगीचे में खींच लिया और वहां उसके साथ घंटों तक रेप  किया। इसके बाद उसने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता
ने घर आकर परिवार को इसकी जानकारी दी। परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं इस घटना के बाद से स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है। लोगों ने आरोपी को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाने की मांग की है। इस घटना को लेकर विरोधी पार्टियों ने सरकार पर हमला बोल रहे हैं। भाजपा के नेता राज्य में कानून व्यवस्था ठप होने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी से सीएम की कुर्सी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। क्या पं बंगाल में योन विकृत मानसिकता इतना गहरे तक पैठ कर चुकी है जो वारदात थमने के जगह बढ़ती जा रही है? कानून व्यवस्था कहां है? 

बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज  और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या केस में ममता बनर्जी सरकार की  काफी किरकिरी हुई है। इस केस को शुरुआत में जिस तरह दबाने की कोशिश की गई, उससे ममता बनर्जी की सरकार पर कई तरह के सवाल उठे तभी से राज्य में प्रदर्शन बंद का दौर जारी है वहीं जूनियर डॉक्टर ड्यूटी छोड़ कर प्रदर्शन कर रहे हैं इस के बावजूद कोलकाता के इर्द-गिर्द ही यौन शोषण की इस तरह की वारदातों की झड़ी कहीं न कहीं सवाल खड़े करती है कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत रसातल में पहुंच गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पुलिस के राजनीतिक इस्तेमाल के स्थान पर सख्ती से कानून व्यवस्था बनाने के लिए काम करने की जरूरत है।

मनोज कुमार अग्रवाल 
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं) 

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