अलविदा कुश्ती 2001-2024

अलविदा कुश्ती 2001-2024

विनेश फोगाट कुछ दिनों से खेल जगत का सबसे चर्चित नाम बना हुआ है। यह वो नाम था जिसने भारतीय इतिहास में महिला कुश्ती के किसी भी वर्ग में पहली बार ओलंपिक मुकाबलों के फाइनल में प्रवेश किया था और यदि भाग्य ने दगा ना किया होता तो भारत की पहली गोल्ड या रजत जीतने वाली महिला पहलवान बनने का गौरव हासिल करती परन्तु भाग्य कहें या ओलंपिक में उसके सपोर्ट स्टाफ की लापरवाही जिस कारण उसका भार अपने वर्ग के लिए निश्चित भार 50 किलो  से 100 ग्राम बढा जिसके कारण विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक के 50 किलोग्राम कुश्‍ती इवेंट के फाइनल के लिए डिस्‍क्‍वालिफाई कर दिया गया। डिस्‍क्‍वालिफाई हो जाने के बाद सीएएस में भारत की ओर से अपील दाखिल की गई थी।
 
जिस पर शुक्रवार को सुनवाई की गई। विनेश फोगाट ने सीएएस से अपील की कि उन्‍हें संयुक्त रूप से सिल्‍वर मेडल दिया जाए। बता दें कि सीएसए ने विनेश की अपील को स्वीकार कर पदक की उम्मीद को जिंदा रखा है। सीएसए कोर्ट ने कहा है कि विनेश फोगाट को पदक देने पर फैसला 13 अगस्‍त को भारतीय समयानुसार, रात 9:30 बजे तक दिया जाएगा। आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक ने महिलाओं के 50 किलोग्राम कुश्ती इवेंट के फाइनल में भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित किए जाने और उस पर सीएएस में अपील किए जाने पर कहा कि कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन के फैसले का पालन किया जाएगा।
 
हालांकि एक वर्ग में दो सिल्‍वर मेडल नहीं हो सकते। विनेश फोगाट को गोल्‍ड मेडल के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट से मुकाबला करना था। लेकिन इस अहम मुकाबले से पहले जब विनेश फोगाट का वजन नापा गया तो वह 100 ग्राम ज्‍यादा पाया गया। यदि सब कुछ सही होता और विनेश यह मुकाबला खेलती और हार भी जाती तो रजत पदक भारत के खाते में आना निश्चित था। इसके साथ-साथ यदि एक और स्थिति पर गौर करें कि यदि विनेश चोटिल हो मुकाबला ना खेलती तो भी रजत उसकी झोली में आना पक्का था। इस दूसरी स्थिति के मद्देनजर ही सपोर्ट स्टाफ की लापरवाही या किसी साजिश की बात कही जा रही है। ओलंपिक में किसी वर्ग का कुश्ती मुकाबला दो दिन में पूरा किया जाता है। पहले दिन फर्स्ट राउंड, क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल का मुकाबला होता है। अगले दिन फाइनल मुकाबला खेला जाता है। विनेश के केस में पहले दिन के मुकाबलों से पहले लिया वजन 49.900 किलोग्राम था और अगले दिन फाइनल मुकाबले से पहले वजन 50.109 किलोग्राम पाया गया।
 
रिपोर्ट के मुताबिक सेमिफाइनल के बाद लिए खाने और पानी से विनेश का वजन साढे 51 किलोग्राम से ऊपर पहुंच गया था। विनेश फोगाट ने अपने सपोर्ट स्टाफ की मदद से वजन कम करने की बहुत ज्यादा कोशिश की, पेरिस ओलंपिक से आई खबरों के मुताबिक वो घंटों तक सौना रूम में बैठी, उन्होंने रनिंग की, स्किपिंग के अलावा साइक्लिंग और स्विमिंग भी की, यही नहीं विनेश ने अपने बाल-नाखून तक काटे, उन्होंने अपना खून तक निकलवाया लेकिन उनका वजन इसके बावजूद 50 किलो 100 ग्राम से पाया गया। नतीजतन ओलंपिक में वो इतिहास रचने से चूक गईं। यहां आपत्तिनजक बात यह है कि फाइनल मुकाबले के समय ओलंपिक संघ द्वारा लिए जाने वजन से पहले भारतीय सपोर्ट स्टाफ ने अपनी वेट मशीन पर भी विनेश का वजन लिया होगा। यह तो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। जैसे हवाई जहाज में तय सीमा का वजन ले जाने के लिए यात्री अपने घर पर ही अपने सामान को एयरपोर्ट जाने से पहले कई बार चैक करता है। ऐसा ही यहां भी हुआ होगा। ऐसे में हेल्थ कारणों का हवाला दे या चोटिल होने के बहाने से मुकाबले में जाने से बचा जा सकता था। ऐसे अनेकों उदाहरण है जिसमें खिलाड़ी चोट या अन्य कारण बता कोई मुकाबला नही खेलते। यदि विनेश के केस में भारतीय ओलंपिक संघ के स्टाफ ने समझदारी दिखाई होती तो देश को और उस खिलाड़ी को रजत पदक मिल गया होता। करोड़ो रूपय खर्च के एक खिलाड़ी के साथ अनेको लोग सपोर्ट स्टाफ के रूप में भेजे ही इस लिए जाते है कि वे खिलाड़ी को दुर्गम परिस्थितयों में मदद कर सके।
 
पिछले साल यानी 2023 में 18 जनवरी को जब विनेश समेत भारत के कुछ दिग्गज पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे तो पूरा देश हिल गया। महिला खिलाड़ियों ने तब कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मामला बढ़ा तो बृजभूषण को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। भारतीय कुश्ती संघ में चुनाव का एलान हुआ और बृजभूषण के करीबी संजय सिंह 21 दिसंबर को अध्यक्ष चुने गए। संजय सिंह के अध्यक्ष बनते ही विनेश की साथी पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का एलान कर दिया। उनके बाद बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटा दिया और पैरा पहलवान वीरेंद्र सिंह  ने भी पद्मश्री लौटाने की बात की। इसके बाद खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया, तय समय में चुनाव ना होने पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया। चुनाव हुए नवनिर्वाचित संजय सिंह को पहलवान अध्यक्ष मानने को तैयार हुए तब आईओसी ने निलंबन हटाया। हालांकि, बृजभूषण पर आरोप तय होने के बाद सजा नहीं मिली तो विनेश ने भी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाने का एलान कर दिया था। यही से खेल राजनीतिक रंग में रंगा गया। पेरिस ओलंपिक में सीएएस में अपील कर केन्या की महिला धावक अपना डिस्‍क्‍वालिफाई कैंसिल करवा रजत पदक जीत चुकी हैं।
 
5 अगस्त को ओलंपिक में महिलाओं की 5000 मीटर की रेस  में केन्या की महिला धावक फेथ किपयेगॉन ने रजत पर कब्जा किया था। इस मुकाबले के बाद फेथ किपयेगॉन को डिसक्वालिफाई कर दिया गया था। ओलंपिक कमेटी ने बताया था कि वीडियो फुटेज से पता चलता है कि रेस के दौरान किपयेगॉन ने इथियोपिया की गुडाफ सेगे को टक्कर मारी थी। दावा किया गया था कि जब दो लैप बाकी थी तब गुडाफ सेगे ने बढ़त बना ली थी तभी पीछे से आ रहीं किपयेगॉन उनसे टकरा गईं और आगे निकल गई। डिसक्वालिफिकेशन के खिलाफ किपयेगॉन ने अपील की और अपनी दलीलों को सही साबित कर रजत पदक जीत लिया। भारत के 140 करोड़ लोगों की आस सीएएस में की गई अपील से है जहां भारतीय पहलवान को इंसाफ मिलेगा। विनेश ने इस डिस्‍क्‍वालिफिकेशन के बाद  कुश्ती से सन्यास का ऐलान कर दिया। सोशल प्लेटफार्म एक्स पर भावुक पोस्ट करते हुए लिखा 'मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई। माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके हैं। इससे ज्यादा ताक़त नहीं रही अब, अलविदा कुश्ती 2001-2024, आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी'।
 
(नीरज शर्मा'भरथल') 
 
 
 
 

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