अपनो पे करम गैरो पे सितम के तर्ज पर सीएचसी अधीक्षक तुलसीपुर सुमन्त सिंह द्वारा एसीएमओ से करवाया गया जांच व सील की कार्यवाही
तुलसीपुर में संचालित कई चिन्हित नर्सिंगहोमो का अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ ए के शुक्ला ने निरिक्षण कर किया जांच
निरीक्षण कर कई क्लिनिक को किया गया सील कई को दिया गया नोटिस
विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट
बलरामपुर
बलरामपुर जनपद के तुलसीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डॉ सुमन्त सिंह चौहान के मार्गदर्शन में चला नर्सिंगहोम चेकिंग अभियान के क्रम में आज कई नर्सिंग होम की जांच अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में की गई जिसमें उनके जांच उपरांत सील व नोटिस दिया गया है जिसमे चिन्हित नर्सिंगहोम की जांच करवाने की बात सामने आ रही है जिसमे अगर सूत्रों की माने तो अधीक्षक तुलसीपुर से कभी विवाद था को लेकर बातें सामने आ रही है जिनपर जांच व कार्यवाही करने की जानकारी मिल रही है जबकि सवाल यह है कि कितने नर्सिंग होम ऐसे संचालित हो रहे जिनपर यहां अधीक्षक का सुरक्षा कवच है आखिर उनपर जांच कभी क्यो नही हुई और जबकि उनके नर्सिंगहोम में भी काफी कमिया मौजूद है फिर भी नही कार्यवाही की गई जो अपने आप मे एक बड़ा सवाल है ।
आपको बता दे कि तुलसीपुर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले चिन्हित नर्सिंग होम जिसके सम्बन्ध में अधीक्षक तुलसीपुर द्वारा जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एके शुक्ला को दी गई सिर्फ उसी नर्सिंगहोम का उनके द्वारा निरीक्षण किया गया।अपर मुख्य चिकित्साधिकारी ने सबसे पहले कैसर नर्सिंग होम का निरीक्षण किया जिसमें एक मरीज भर्ती था उसको बोतल चढ़ रही थी न कोई डॉक्टर था न कोई अन्य स्टाफ था कैसर नाम की एक महिला मिली जो अपने को एनएम बता रही थी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा उसे सील कर दिया गया। उसके उपरांत अवध हॉस्पिटल हॉस्पिटल बढ़नी रोड पर अधिकारी के द्वारा निरीक्षण किया गया जहां पर डॉ साहब के द्वारा न तों रजिस्ट्रेशन दिखाया गया एक अप्लाइड रजिस्ट्रेशन सीएमओ पोर्टल पर किया गया है जिसमें डिग्री जो मांगी गई वह उनके द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई और जिन डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन उसमें लगा था उनके पूर्व में कई और जगह नर्सिंग होम में रजिस्ट्रेशन लगे हुए हैं तदोपरांत अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा निर्देशित किया गया कि दो दिवस के अंदर आप अपने अपने समस्त रिकार्ड कार्यालय में उपलब्ध कराए। इसके साथ ही एक कारण यह भी कि वहां पर जो भी मरीज भर्ती थे ना तो उनका रजिस्ट्रेशन आईपीडी या ओपीडी में किया जा रहा था ना ही कोई एमबीबीएस डॉक्टर उन मरीजों को देख रहा था डॉक्टर साहब जो उपस्थित मिले जो उसके मालिक हैं वह स्वयं बीयूएमएस की डिग्री लिए हुए हैं उसके उपरांत अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा डॉ नफीस की क्लीनिक का निरीक्षण किया गया जहां पर भी भारी अनियमितता मिली मरीज़ तो कोई उपस्थित नहीं मिला ना ही वहां पर कोई डॉक्टर मिले एक लड़का बैठा हुआ मिला जिसके द्वारा कोई भी रिकॉर्ड नहीं दिखाया गया अतः अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा उसे भी सील कर दिया गया और दो दिवस के अंदर अपने समस्त रिकार्ड दिखाने के लिए कहा गया उसके उपरांत अल शिफा नर्सिंग होम को देखा गया जहां पर उनके पास रिकॉर्ड थे जिनमे कुछ कमियां पाई गई जिसमें न तो डॉक्टरों की और न कर्मचारियों की सूची थी न ही उनके द्वारा क्या खर्चा लिया जाना है क्या ओपीडी का शुल्क है यह कुछ भी वहां पर लिखा हुआ नहीं मिला बहुत अच्छी साफ सफाई भी नहीं मिली जिसके कारण उनको एक चेतावनी पत्र दिया गया और उनसे कहा गया कि दो दिवस के अंदर अपने जो कमियां हैं उनको तत्काल दुरुस्त कराये अन्यथा की स्थिति में सीलिंग प्रक्रिया की जाएगी की जानकारी मिल रही है ।जबकि क्षेत्र में ऐसे दर्जनों नर्सिंगहोम का संचालन किया जा रहा लेकिन साहब की मेहरबानी के कारण उनके पास अभी कोई जांच टीम नही पहुची और न ही ऐसे लोगो को चिन्हित ही किया गया जिसके कारण वह बिना किसी मानक व नियम के नर्सिंगहोम का संचालन कर रहे फिर भी यहां सब कुछ ठीक है की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे कर सन्तुष्ट करने का खेल चल रहा है। खैर यहां यह गीत सटीक बैठ रहा जो किसी पुरानी फ़िल्म का गीत है ।अपनो पे करम गैरो पे सितम ऐ जाने वफ़ा यह जुल्म न कर ।
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