विभागीय लापरवाही के चलते एक और जच्चा बच्चा की हुई मौत
जनपद के गौरा चौराहा पर स्थित यादव मेडिकल हॉल पर हुई जच्चा बच्चा की मौत
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने आनन फ़नान में किया यादव मेडिकल हाल को सील
ब्यूरो रिपोर्ट
बलरामपुर
बलरामपुरः गौरा चौरा के चौखड़ गांव में झोलाछाप से इलाज कराना जच्चा- बच्चा को महंगा पड़ गया। गांव निवासी मनोज यादव की 32 वर्षीय सुषमा यादव उर्फ कुसुम को बुधवार की रात प्रसव पीड़ा होने पर यादव मेडिकल हाल ले जाया गया। अवैध रूप से अस्पताल चला रहे यादव मेडिकल हाल में कुसुम को भर्ती किया गया। गुरुवार सुबह बभनान गोंडा के एक चिकित्सक को बुलाकर आपरेशन से प्रसव कराया गया। इसके बाद जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में परिवारजन दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नंदनगर ले गए।हालत नाजुक देखते हुए चिकित्सक ने जिला महिला अस्पताल भेज दिया। महिला अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सक ने जच्चा-बच्चा को मृत घोषित कर दिया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसके श्रीवास्तव ने मेडिकल हाल को सील करते हुए संचालक प्रेम यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं आपरेशन करने वाले चिकित्सक के बारे में अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
जांच कमेटी गठितः मुख्य मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मुकेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय टीम गठित की की गई है। इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जोकहिया के चिकित्साधिकारी डा. जावेद अख्तर, जिला मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार पांडेय, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्र, शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, हरियानंद सिंह आदि शामिल हैं। लगातार अभियान चल रहा है। बिना लाइसेंस व पंजीकरण के पैथालोजी, मेडिकल स्टोर या अस्पताल संचालित मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।चौखड़ा गांव में यादव मेडिकल हाल के पिछले हिस्से में अवैध ढंग से नर्सिंग होम चल रहा है। इसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हैं। बुधवार की रात मनोज यादव ने पत्नी कुसुम को प्रसव पीड़ा होने पर यादव मेडिकल हाल पहुंचा। यहां बताया गया कि कुसुम का आपरेशन करना पड़ेगा। आनन फानन में कुसुम की जांच कराई गई। आरोप है कि बभनान के एक डाक्टर ने आकर गुरुवार सुबह कुसुम का आपरेशन कर दिया। सर्जरी से प्रसव के बाद खून की कमी के कारण जच्चा को झटका आने लगा। हालत गंभीर होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नंदनगर भेजा गया। यहां से जिला महिला अस्पताल भेजा गया। दोपहर साढ़े 12 बजे अस्पताल पहुंचने पर महिला चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। यहां की सीएमएस डा. सुमन गौतम ने बताया कि अस्पताल आने के पूर्व ही जच्चा बच्चा की मौत हो गई थी। अपर सीएमओ ने सील कराया मेडिकल हाल जच्चा-बच्चा की मौत की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया। अपर सीएमओ डा. एसके श्रीवास्तव ने कथित नर्सिंग होम का जायजा लिया। एसीएमओ ने बताया कि प्रेम यादव एक फार्मासिस्ट है, जो मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहा है। इसने मेडिकल स्टोर के पीछे बाकायदा नर्सिंग होम का वार्ड बना रखा है, जहां यह मरीजों को भर्ती कर इलाज करता है। मेडिकल स्टोर और कथित नर्सिंग होम को सील करते हुए संचालक प्रेम यादव के विरुद्ध मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।दोषी की छिपा रहे पहचान कुसुम का आपरेशन करने वाले चिकित्सक की पहचान छिपाई जा रही है।अपर जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि मेडिकल हाल संचालक आपरेशन करने वाले चिकित्सक के बारे में सही बात नहीं बता पा रहा है। पूछताछ कर मामले की तह तक जाया जाएगा।पैथोलाजी की भूमिका संदिग्ध आपरेशन के बाद कुसुम को खून की कमी के कारण झटके आने लगे थे। ऐसे में आपरेशन पूर्व कुसुम की जांच करने वाले नवजीवन पैथोलाजी की रिपोर्ट भी संदिग्ध है, क्योंकि रिपोर्ट में कुसुम का हीमोग्लोबीन 10 ग्राम प्रति डेसीलिटर बताया गया था।वदहवास रहा पति, वयान लेते रहे अधिकारी जच्चा-बच्चा की मौत के बाद मृतका के पति मनोज यादव बदहवास थे। कुछ अधिकारी वहां पहुंचकर बयान दर्ज करने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन वह कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे। रह- रहकर मनोज यही कह रहे थे कि गलत डाक्टरों ने उसकी पत्नी व बच्चे की जान ले ली।
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