संजीवनी।

इससे पहले कि हवाएं ,

संजीवनी।

इससे पहले कि हवाएं ,
 
इससे पहले कि हवाएं 
शब्द भंडार ले जाएं 
चलिए मधुर गीत लिख लेते हैं।
 
इससे पहले कि हिम श्रृंखलाओं 
की बर्फ पिघल जाए,
उससे कुछ ठंडी छुअन ले लेते हैं।
 
इससे पहले कि
लंबी 
वृक्ष श्रृंखलाएं ग्रीष्म में 
पत्तों को त्याग दें,
कुछ बसंत ले लेते हैं।
 
इससे पहले कि
जीवन मधुर संगीत 
सुनाना बंद कर दे,
कुछ स्वर लहरी
गुनगुना ले लेते हैं।
 
इससे पहले कि जीवन
कि सांध्य बेला
मौसम पर छा जाए,
अपने अंदर के बच्चे को
जी लेते हैं।
 
इससे पहले की 
कठोर धरातल और 
पथरीली हो जाए
चलो थोड़ा खिलखिला लेते हैं।
 
इससे पहले की 
प्रकृति सब कुछ ले जाए
दोस्तों के संग गलबहिया
डाले कुछ बतिया लेते हैं।
 
इससे पहले कि 
हम इतिहास बन जाएं,
शब्दों का संसार रच लेते हैं।
 
इससे पहले की
परिस्थितियां विलग हो जाएं,
नन्ही किलकारीयों में
वर्षा की मासूम फुहारों 
का आनंद ले लेते हैं।
 
संजीव ठाकुर, 

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