खंड विकास अधिकारी गोला को मिली अनियमिताएं वहीं पी ओ डूडा को सब मिला ठीक-ठाक 

यदि खंड विकास अधिकारी गोला द्वारा डीसी डूड़ा अमित राय की उपस्थिति में की गई जांच की मंगा ली जाए जांच रिपोर्ट तो खुलकर आएगा भ्रष्टाचार का मामला सामने

खंड विकास अधिकारी गोला को मिली अनियमिताएं वहीं पी ओ डूडा को सब मिला ठीक-ठाक 

अपनी और अपने चहेते कमाऊ डी सी व सर्वेयर की गर्दन फसते देख एक करीबी अफसर से मिलकर बदलवा दी गई जांच ।

आरोपी को ही बना दिया गया जांच अधिकारी 
 
लखीमपुर खीरी मामला शहरी पीएम आवास गोला नगरपालिका में दिए गए आवासों का निर्माण कराये बगैर ही फर्जी जिओ टैग करके आवासों की सभी किस्तें जारी कर बड़े स्तर पर फर्जीवाडा व भ्रष्टाचार करने वाले डीसी अमित राय और सवेयरो द्वारा जमकर धन उगाही किए जाने से जुड़ा है ।जिसका एक बड़ा हिस्सा परियोजना अधिकारी डूडा तक पहुंचाने के चलते जांच में हेरा फेरी व लीपापोती कर ईमानदार जिला अधिकारी खीरी को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। इस खेल में एक जिला स्तरीय अफसर जो पी ओ डूड़ा के गांव के बताए जाते हैं। के वरदहस्त के चलते यह लुका छुपी का खेल खेलते हुए खंड विकास अधिकारी गोला से जांच करने के बाद जांच बदलवा दी गई और मामले के आरोपी परियोजना अधिकारी डूड़ा को ही जांच सौंप दी गई।
 
जो चोर की जांच डकैत से वाले मुहावरे को चरितार्थ करता दिखाई पड़ रहा है। जब परियोजना अधिकारी डूडा स्वयं आरोपी हैं तो वह सही रिपोर्ट बनाकर अपनी गर्दन क्यों फसाएंगे? खंड विकास अधिकारी गोला जो एक निहायत ईमानदार व न्याय प्रिय अधिकारी हैं उनके द्वारा की गई उक्त आवासो की जांच में खंड विकास अधिकारी गोला की जांच रिपोर्ट मंगा ली जाए तो मामले में खुद ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। और परियोजना अधिकारी डूडा द्वारा की गई जांच में लीपा पोती खुलकर आएगी सामने। आवासों में की जा रही लूट और साहब की काली करतूत का भी होगा पर्दाफाश ।
 
आखिर खंड विकास अधिकारी गोला से क्यों वापस ली गई जांच 
उक्त मामले में जिला अधिकारी खीरी के आदेश से मामले की जांच खंड विकास अधिकारी गोला ने डूडा के डीसी अमित राय और सर्वेयर की मौजूदगी में प्रत्येक आवास पर जाकर जांच की। जिसमें से 9 आवास अपात्र और हवा हवाई पाए गए थे। लेकिन परियोजना निदेशक खीरी द्वारा उनको जांच रिपोर्ट बनाने से रोक दिया गया। और जांच वापस लेकर आरोपी परियोजना अधिकारी डूडा को जांच सौंप दी गई ।ऐसे में योजना में हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच हो पाना नामुमकिन लग रहा है ।मामले में पुनः जिला अधिकारी खीरी से मुलाकात करके उक्त मामले की किसी अन्य विभाग के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जांच टीम द्वारा निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग करने की बात कही गई है।

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