तहसील में काउंटर नहीं बढ़ने से नई खतौनी के लिए लग रही है लंबी लाइन, निराश होकर लौट जा रहे किसान

तहसील में काउंटर नहीं बढ़ने से नई खतौनी के लिए लग रही है लंबी लाइन, निराश होकर लौट जा रहे किसान

बस्ती। बस्ती जिले के सदर तहसील में इन दिनों सत्यापित खतौनी निकालना कठिन हो गया है। जबकि नए सिरे से तैयार रियल टाइम खतौनी के लिए भीड़ जुट रही है। यहां खतौनी जारी करने के लिए एकल खिड़की से काम चलाया जा रहा है। ऑनलाइन काउंटर न बढ़ाने से काश्तकारों को परेशानी हो रही है। ऊपर से सर्वर डाउन रहने की समस्या अलग से है। खतौनी काउंटर के सामने काश्तकारों की लंबी लाइन लग रही है। दोपहर तक कुछ लोगों को सफलता मिल रही है तो कुछ को अगले दिन आने के लिए कह दिया जा रहा है।
 
रियल टाइम खतौनी में विभिन्न त्रुटियों की छानबीन के अलावा मुकदमा, बैनामा, पैमाइश आदि कार्यों के लिए खतौनी निकालने वालों की संख्या ज्यादा हो गई है। काउंटर खुलने से पहले सुबह नौ बजे से ही लोग लाइन में खड़े हो जा रहे हैं। डेढ़ घंटे बाद 10:30 बजे खतौनी काउंटर खुल रहा है। इसके बाद भी परेशानी कम नहीं हो रही है। घंटों लाइन में खड़े लोगों का नंबर बाद में आता है। इसके पहले एक दिन पूर्व आए काश्तकारों की खतौनी निकलती है। करीब आधे घंटे के बाद सामने लाइन में खड़े लोगों की बारी आ रही है।
 
बमुश्किल दो घंटे तक ही खतौनी दी जा रही है। एक बजे के बाद सर्वर न चलने की दुहाई देकर काउंटर बंद कर दिया जा रहा है। इस दो घंटे की अवधि में जिसकी खतौनी निकल गई, उसे ही केवल सुकून मिल पा रहा है। शेष लोग निराश लौट जा रहे हैं। यह तब है जबकि रियल टाइम खतौनी तैयार होने के नाते लोग अपने गाटों में अंश निर्धारण की जानकारी चाह रहे हैं। क्योंकि तमाम गाटों में काश्तकारों का अंश निर्धारण गलत अंकित हो गया है। इसमें संशोधन की प्रक्रिया बगैर सत्यापित खतौनी के शुरू नहीं हो सकती है।

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