कहानी हमारे ₹2500 एटीएम मसीन में फंस जाने की--

कहानी हमारे ₹2500 एटीएम मसीन में फंस जाने की--

पढ़िएगा जरूर, हो सकता है शायद कभी आपके काम आ जाए। साथियों सूचना के अधिकार को कैसे इस्तेमाल करना चाहिए यह तो सभी को पता है, लेकिन आज आप लोगों के बीच में हम जो बात बताने जा रहे हैं बहुत ही कम लोगों को जानकारी होगी आइए आपको बताते हैं किस तरह से हमने सूचना के अधिकार के तहत अपना अधिकार हासिल किया। हमने 11 दिसंबर 2022 को *हिताची* के एटीएम से ₹2500 का ट्रांजैक्शन किया हमारे बैंक अकाउंट से पैसा कट गया और हमें रसीद भी प्राप्त हुई लेकिन हमे कैस प्राप्त नहीं हुआ। वहां पर हम ही नहीं बल्कि कई ऐसे पीड़ित व्यक्ति थे जिनके साथ यह घटना हो चुकी थी।
 
हमने एटीएम के चारों तरफ देखा कहीं पर भी कोई हेल्पलाइन नंबर नहीं लिखा हुआ था। हम सोच रहे थे पैसा कट गया है लेकिन हो सकता है कि 24 घंटे तक अकाउंट में आ जाएगा क्योंकि ऐसा कई बार हो चुका है, लेकिन फिर भी हमने अपनी तसल्ली के लिए अपने मोबाइल बैंकिंग एप से शिकायत दर्ज कर दी। हमारी शिकायत बिना किसी निष्कर्ष पर पहुंचे ही बंद कर दी गई, हमने बैंक हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया फिर भी कोई समाधान नहीं हो सका। फिर उसके बाद हमने हेल्पलाइन नंबर पर फिर से कॉल किया, हमें बताया गया कि हमें अपने ब्रांच के मैनेजर से मिलना चाहिए, फिर हमारे छोटे भाई साहब (ब्रदर इन लॉ) लखनऊ की इंडियन बैंक ब्रांच में बैंक मैनेजर से मिले, ब्रांच के मैनेजर से इंदिरा साहेब की बात करवाई तब उन्होंने अंतिम विकल्प बताया और वह विकल्प था *आर्बिट्रेशन* (यह एक वैकल्पिक विवाद समाधान प्रक्रम है)।
 
*आर्बिट्रेशन* के तहत हमने अपनी शिकायत ईमेल के द्वारा दर्ज की, और ₹5000 हर्जाना रखा। इस शिकायत को हमने रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 के तहत दर्ज कर दिया। जिस की फीस थी ₹590 यह एक प्रकार की कोर्ट फीस है जिसमें सुनवाई होती है। सुनवाई के तहत हमें हमारा अधिकार मिला हमें 4 फरवरी 2023 को हमारे  ₹2500 प्राप्त हुए। फिर 10 फरवरी 2023 को हमें हमारे हर्जाने की रकम ₹5000 हमारे अकाउंट में प्राप्त हो गई। बाकी जो केस फाइल करने के ₹590 हमने दिए थे वह भी हमें हमारे अकाउंट में प्राप्त हो जाएंगे। यह आप बीती आप लोगों से हम इसलिए साझा कर रहे हैं क्योंकि बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें जानकारी नहीं हैं।
 
किसी और की बात क्या करें हमें खुद ही इसकी जानकारी नहीं थी, यदि ब्रांच के मैनेजर के द्वारा यह जानकारी ना प्राप्त होती। बहुत से लोगो के साथ ऐसा होता है कि एटीएम मसीन के द्वारा पैसे निकाले जाने पर कई बार पैसे फंस जाते हैं और वह लोग कुछ नहीं कर पाते हैं। जिससे अमीर हो या गरीब लोग हो सभी को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आप लोगों के साथ जब भी ऐसी कोई घटना घटित हो या आपके अधिकार का हनन हो रहा हो आप अपने अधिकार का पूरा लाभ उठाइए और अपना अधिकार स्वयं प्राप्त करिए।
 
एक बहुत ही जरूरी बात ट्रांजैक्शन करते समय एटीएम मशीन से आपको जो रसीद प्राप्त होगी उसे बहुत ही संभाल कर रखना होगा, क्योंकि रसीद में एटीएम नंबर और ट्रांजैक्शन नंबर समय और तारीख दोनों दर्ज होते हैं वही आपके पास सबसे बड़ा सबूत होता है। हमने अपना अधिकार प्राप्त कर लिया, अब आपकी बारी है। उम्मीद करते हैं कि आप अपने अधिकार का इस्तेमाल जरूर करेंगे।
 
अमिता अम्बेडकर बसपा लखनऊ

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