भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रहे पी ओ डूडा
चोर चोर मौसेरे भाई की भूमिका में दिख रहे साहब
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आखिर किसी सक्षम अधिकारी के आदेश से एक लाभार्थी को दिए गए दो दो आवास शिव नारायण पुत्र घसीटे निवासी प्यारेपुर हुआ बृजरानी पत्नी जीत बहादुर निवासी मोहल्ला शिवपुरी को किस आधार पर दिए गए प्रधानमंत्री आवास।
स्वतंत्र प्रभात
आखिर किसी सक्षम अधिकारी के आदेश से एक लाभार्थी को दिए गए दो दो आवास
शिव नारायण पुत्र घसीटे निवासी प्यारेपुर हुआ बृजरानी पत्नी जीत बहादुर निवासी मोहल्ला शिवपुरी को किस आधार पर दिए गए प्रधानमंत्री आवास।
लखीमपुर खीरी एक तरफ जहां देश के यशस्वी प्रधानमंत्री व प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री गरीब तबके के छत विहीन लोगों को एक अदद छत मुहैया करा कर उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए धरती आसमान एक किए हुए हैं। और इसके लिए खजाने का मुंह खोले हुए हैं। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए नामित कियेगये जिम्मेदारों की धनलोलुपता और खाऊ कमाओ नीति के चलते सरकार की मनसा पूरी होती दिखाई नहीं पड़ रही है ।यही कारण है जो प्रधानमंत्री आवास गरीबों निराश्रित मजदूर और छत विहीन लोगों के लिए स्वीकृत किए गए हैं वह आवास साधन संपन्न रसूखदारों और दो-दो मंजिल मकान धारकों एवं दो-दो मकान के स्वामियों को देखकर मनमानी कमाई की जा रही है सूत्रों से प्राप्त जानकारी को यदि सत्य माने तो एक-एक डीपीआर में 5 से 10-10 लाख की कमाई की गई है।
जिसका हिस्सा नीचे से लेकर ऊपर तक बटने के चलते कोई किसी के ऊपर उंगली उठाते नहीं दिखाई पड़ रहा है। एक तरफ प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां भ्रष्टाचार के समूल सफाये को लेकर जीरो ट्रारलेस की नीति लागू करने की बात करते नहीं थक रहे हैं। वहीं उन्हें के मातहत द्वारा उनके वादों और मंसा को धूल चटाते हुए मनमाने तरीके से अवैध कमाई कर सरकार की आतिमहत्वाकांक्षी योजनाओं को ग्रहण लगाया जा रहा है। यहां पर चोर चोर मौसेरे भाई की कहावत चरितार्थ होती दिखाई पड़ रही है। मामला जनपद लखीमपुर खीरी के जिला नगरीय अभिकरण डूडा का है ।प्रधानमंत्री आवासों की मॉनिटरिंग और सुपरविजन का कार्य परियोजना अधिकारी डूडा के हाथों में सौंपते हुए प्रधानमंत्री आवासों की धनराशि आवंटन कराया जा रहा है।इस कार्य के लिए आउटसोर्सिंग की कंपनियों को भी लगाया गया।
लेकिन इनके ऊपर नियंत्रण रखने और उनके कार्यों का सुपरविजन और जांच का दायित्व परियोजना अधिकारी डूडा के अधीन होने की बात प्रकाश में आई है। प्रधानमंत्री आवासों आवासों के आवंटन में कई स्तरों पर अवैध वसूली किए जाने की दर्जनों शिकायत वर्ष 2020 से अब तक डूडा कार्यालय में शपथ पत्र सहित दी गई लेकिन आज तक कोई कार्रवाई व जांच अमल में नहीं लाई गयी।जो यह सिद्ध करने को काफी है की हमाम में सभी नंगे हैं। गौर तलब हो नगर पालिका परिषद लखीमपुर के अंतर्गत हुए प्रधानमंत्री आवास में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार और मनमानी पर एक नजर डाले तो शहर शहर में ही करोड़ों रुपए के घोटाले किए गए हैं जिनकी बानगी स्वरूप शिवनारायण पुत्र घसीटे निवासी प्यारेपुर को आवास आवंटित किया गया था। जबकि अपात्र थे ।और इनको इनकी पहली किस्त दी जा चुकी थी।
उक्त में पैसा वापसी का आदेश भी हुआ था। ऐसी चर्चा प्रकाश में आई है बृजरानी पत्नी जीत बहादुर निवासी मोहल्ला शिवपुरी यह भी अपात्र हैं इसके बावजूद उनकी दो किस्ते भेजी जा चुकी हैं इनके बारे में जानकारी है कि इनका परिवार यहां नहीं रहता है। राम श्री पत्नी छोटे लाल शिवपुरी रमेश कुमार पुत्र राम प्रसाद डीपीआर संख्या 89, सरला शुक्ला पत्नी रामकृष्ण शुक्ला निवासी शिव कॉलोनी पुराने आवास का जिओ टैग करा कर आवास के धन का बंदर वाट किया गया। विनोद सिंह पुत्र वीर सिंह निवासी निर्मल नगर जो यू एल बी से बाहर हैं नूतन कश्यप पुत्र गोकर्ण प्रसाद कमलापुर यह भी यूं एल बी से बाहर हैं। उक्त दोनों डीपीआर संख्या 552 के अंतर्गत आते हैं। सुनीता देवी पत्नी जसकरण निवासी मिश्राना इनका आवास आउट ऑफ यू एल बी दीनदयाल स्कूल के पास दिया गया है।
किरन शुक्ला निवासी लक्ष्मी देवी कॉलोनी को आवास की पहली किस्त मिलने के बाद मकान बिक्री कर दी गई आवास आज तक नहीं बना। शेष धनराशि निकाल कर बंदर बाट कर लिए जाने का मामला जन चर्चा का विषय बना है ।यह तो परियोजना अधिकारी के संरक्षण में अब तक किए गए भ्रष्टाचार की एक बांनगी स्वरूप है ।ऐसे सैकड़ो आवास नगर पालिका परिषद लखीमपुर क्षेत्र में ही हैं जो गाइडलाइन को ताक पर रखकर नियम विपरीत मनमाने तरीके से देकर के अवैध उगाही की गई है।
उक्त आरोप मेरे नहीं कई लाभार्थियों के हैं। जिन्होंने पूर्व में शपथ पत्रों सहित शिकायत कर मामले की जांच कराए जाने की मांग की थी। शपथ पत्र सहित शिकायत करने वालों में गौर करें तो शकीला खातून पत्नी मोहम्मदशानू उम्र 42 वर्ष निवासी पश्चिमी दीक्षिताना गोला गोकर्णनाथ, श्रीमती रजिया बानो पत्नी मोहम्मद यूसुफ मोहल्ला डीह कस्बा खीरी टाउन जिला खीरी अलरून पत्नी अब्दुल हमीद मोहल्ला डीहपुर खीरी टाउन जिला खीरी, मिस्त्री पत्नी शाकिर अली मोहल्ला डीहपुर कस्बा खीरी टाउन जिला खीरी सहित दर्जनों अन्य शपथ कर्ता गणों ने अपने शपथ पत्रों के साथ डूडा में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच कर कर आवश्यक कार्यवाही की मांग की गई थी।
जिला अधिकारी खीरी को दिए गए शपथ पत्रों में शपथकर्ताओं का आरोप था कि जिला नगरीय विकास अभिकरण द्वारा प्रत्येक लाभार्थी से नए फार्म जमा करने के नाम पर 1000 जिओ टैग करने पर ₹500 से 1000 पहली किस्त लगवाने पर 3000 से 5000 तक वसूली की जाती है। जो लाभार्थी शुल्क नहीं देते हैं उनकी किस्त व आवास रोक दिया जाता है। शपथ कताओ द्वारा लगाए गए आरोप में यह भी आरोप लगाया गया यह वसूली सी एल टी सी विकास श्रीवास्तव के संरक्षण में खीरी में कार्यरत सर्वयरों द्वारा वसूली करने में सहयोग किया जाता है डूडा में कोई काम बिना पैसा नहीं किया जाता है ।पैसा लेकर अपात्र को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जाता है।
उक्त मामले की शिकायत परियोजना अधिकारी से की जाती है तो कोई कार्यवाही नहीं की जाती है ।उक्त अधिकारी की जानकारी में अवैध वसूली का खेल खेला जा रहा है। यह आरोप दर्जनों शपथ कर्ताओं द्वारा निरंतर लगाए जाते रहे हैं ।लेकिन जिम्मेदार के कांन पर जूं तक नहीं रेंगतीहै ।यही कारण है कि कई आवास बगैर बनवाये ही पुराने आवासों का रंग रोगन कराकर पूरी धनराशि हड़प कर ली गई ।तो कई अआवास का पैसा निकल गया आज तक नहीं बने आवास ,वहीं कई आवास ऐसे हैं जिनके पास आवास बनवाने की जमीन तक नहीं है फिर भी उन्हें कथित फर्जी कागजातों के आधार पर प्रधानमंत्री आवास की धनराशि आवंटित कर दी गई।
इस फर्जीवाडे की जन चर्चाओ का बाजार गर्म होने व मीडिया में सुर्खियां बनने पर जब स्वतंत्र प्रभात समाचार टीम ने डूडा कार्यालय जाकर तत्कालीन परियोजना अधिकारी से इस मामले पर जानकारी चाही तो उन्होंने साफ बौखलाए लहजे में कहा कि हम कोई जानकारी नहीं देंगेऔर ना ही कोई कार्यवाही करेंगे ।यह सब उप जिलाधिकारी सदर और अपर जिला अधिकारी खीरी जाने क्यों की आवासों को पात्र करके उप जिला अधिकारी सदर भेजते हैं उन्हीं को आवास दे दिया जाता है ।जांच वही करें।
जांच करना मेरा काम नहीं है। आवास से हमारा कोई लेना देना नहीं है। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार पर सवाल करते ही बौखलाए परियोजना अधिकारी डूडा अभद्रता पर आमादा हो गए और अपशब्दों का प्रयोग भी किया। शिकायतकर्ता ने आज जिला अधिकारी खीरी सहित मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर मामले की जांच टीम गठित कर निष्पक्ष जांच कराए जाने और जांच में आरोपो की पुष्टि होने पर परियोजना अधिकारी सहित अन्य जिम्मेदारों पर कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग भी की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि वह सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कई बिंदुओं पर अलग-अलग नगर पंचायत क्षेत्र व तहसील से मामले की सूचनाए इकट्ठा कर डूडा में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार के खिलाफ जनहित याचिका दाखिलकरने की बात कही है। यदि उक्त मामले की जिलाधिकारी खीरी कराए जांच टीम गठित कर निष्पक्ष जांच तो होगा करोड़ो रुपए का घोटाला उजागर।और कईजिम्मेदारो पर आयेगी कार्यवाही की आंच।
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