बढ़ती चोरियों का पर्दाफाश न होने पर इफको कर्मी कालोनी छोड़ने पर होगे मजबूर।

यूनियन और अधिकारी संघ से सहयोग करने की मांग।

बढ़ती चोरियों का पर्दाफाश न होने पर इफको कर्मी कालोनी छोड़ने पर होगे मजबूर।

स्वतंत्र प्रभात।
 ब्यूरो प्रयागराज।
 
इफको फूलपुर में बढ़ती चोरियों पर अंकुश न  लगने पर घियानगर  कॉलोनी के लोग अपने को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं ।पिछले दो वर्षों के अंदर यहां पर लाखों लाख की हुई चोरियों छेड़खानी आवारा गर्दी से यहां रहने वाले कर्मचारी और अधिकारी और  उनके परिवार के लोग इतना भयभीत हो गए हैं कि वह अपने को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
 
उनका कहना है कि यदि यहां बढ़ती चोरियों और अपराधों पर अंकुश न लगाया गया तो वह लोग कॉलोनी को छोड़ने के लिए मजबूर हो जाएंगे। कालोनी में रहने वाले अधिकांश  परिवार के  सदस्यों महिलाओं बच्चों ने अधिकारी संघ और इफको कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारीयों से मिलकर अपनी समस्या बताया है और मांग की है कि इस समस्या का समाधान करने में मदद करें वरना वे लोग इस कॉलोनी में रहने से अपने को असुरक्षितमहसूस कर रहे हैं।
 
यूनियन और अधिकारी संघ से सहयोग करने की मांग।
 

इफको में चोरियों का  इतिहास।

 
उल्लेखनीय है कि 12/13 जनवरी की रात में झूलन यादव के आवास एनसी 91 में लगभग 20 लाख की चोरी आभूषण सहित नगदी मिलकर के हुई ।उसी रात यह भी पता चला है कि टीसी 53 आवास में भी ताला तोड़ा गया लेकिन  वहां से कोई भी सामान ले जाने में असफल रहे।
 
ज्ञात हो कि पिछले वर्ष 22 नवम्बर 2023  को इफको के महाप्रबंधक संजय वैश्य के आवास  में लगभग 20 लाख की चोरी हो गई थी ।श्री बैस  उसदिन अपनी लड़की की शादी समारोह में प्रयागराज शहर के एक होटल  में  थे। बावजूद इसके की उन्होंने सुरक्षा अधिकारी सहित सभी लोगों को यह जानकारी दे करके शादी में गए इसके बावजूद उनके घर में 20 लाख की चोरी हो गई  थी।उसी रात प्रवीण सोनकर और नवीन कुशवाहा के गोदावरी सेक्टर में चोरी हुई और उन दोनो कर्मियों के यहां से भी हजारों का मॉल साफ कर गए। ।साइकिल चोरी मोटर सायकिल  चोरियो का तो कोई रिकार्ड ही नहीं रखा गयाहै।
 
यूनियन और अधिकारी संघ से सहयोग करने की मांग।
 

हत्या की भी वारदात हो चुकी है।

 
 
यही नहीं कुछ वर्ष पूर्व यहां घिया नगर कालोनी में केंद्रीय विद्यालय की एक महिला अध्यापक शारदा शर्मा की उसके आवास में हत्या जैसी गंभीर वारदात भी हो चुकी है लेकिन किसी भी मामले का पर्दाफाश नही हो पाया ।
सबसे बड़ी विडंबना यहां यह देखी जाती है की घटना होने के बाद यहां का  प्रबंधन घटना का पर्दाफाश करने में अपनी ताकत का इस्तेमाल न करके घटना को दबाने का प्रयास है करने  लगता है जिससे उसकी बदनामी ना हो ।लेकिन यहां रहने वाले  परिवार के लोग अपने को असुरक्षित महसूस करने लगते हैं।
 
यूनियन और अधिकारी संघ से सहयोग करने की मांग।
 

कालोनी  के लिए अपराध अभिशाप बन गया है।

 
 एशिया की मानी जाने वाली इफको संस्था की यह कॉलोनी शुरू से ही अपराध के मामले में अभिशाप बन गई है। लेकिन इस नासूर का कोई भी स्थाई हल आज तक नहीं निकल पाया और प्रत्येक वर्ष कोई नकोई बड़ी घटना घट जाती है। 
 
यहां का कर्मचारी संघ और अधिकारी संघ इस बात पर परेशान दिखाई पड़ता है कि प्रबंधन का संबंध जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से अच्छा होने और उन लोगों को सहूलियत देने के बावजूद भी ऐसी घटनाओं का पर्दाफाश क्यों नहीं होता ।यह उनके समझ में नहीं आता है ।जबकि घियानगर  के अंदर स्थित इफको का गेस्ट हाऊस है जिसमै सीओ और उप जिलाधिकारी को मुफ्त में रहने खाने की सुविधा भी दी गई है। बावजूद इस कॉलोनी में वारदात होने पर मामले का पर्दाफाश क्यों नहीं हो पाता  रहस्य के घेरे में  है।
 
कॉलोनी के परिवार के सदस्यों और इफको कर्मियों ने बताया कि यही स्थिति अगर रही तो वह लोग  कॉलोनी में रहने के बजाय कॉलोनी छोड़ देने का मन बना रहे हैं। 
 
 

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